राजीव गांधी के वो बड़े काम जिनके लिए उन्हें किया जाता है याद

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नई दिल्ली/आशीष भट्ट। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की पुण्यतिथि पर पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने उन्हें ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है, आज ही के दिन 21 मई 1991 को तमिलनाडु में एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. राजीव गांधी का कार्यकाल महज़ 5 साल का रहा लेकिन उस कार्यकाल में राजीव गांधी ने कुछ ऐसे काम किए जिसे लोग आज भी याद करते हैं, भारतवासियों के लिए आधुनिक भारत की नींव रखने के लिए आज भी राजीव गांधी को याद किया जाता है.

राजनीति में नहीं थी रुचि

राजीव गांधी एक पायलट थे, उनकी राजनीति में कोई रुचि नहीं थी उनकी पत्नी सोनिया गांधी (Soniya Gandhi) भी यहीं चाहती थीं कि राजीव गांधी राजनीति से दूर रहें. राजीव गांधी इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के बड़े बेटे थे बड़े राजनीतिक परिवार के आने के बाद भी वह एक पायलट की नौकरी करते थे, ऐसे माना जाता है कि राजीव गांधी को हवा में कलाबाजियां करना काफी पसंद था.

कैसे बने भारत के प्रधानमंत्री

ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद 31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा कर्मियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. उसके बाद यह सवाल उठने लगा कि अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा. लेकिन इंदिरा गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी को उत्तराधिकारी के तौर पर पीएम पद की शपथ दिला दी. 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे. राजीव गांधी ने पीएम के तौर पर अपना पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया.

भारत में कंप्यूटर लाएं

देश में उस समय कंप्यूटर हर किसी के पास नहीं होता था, राजीव गांधी ने सैम पित्रोदा के साथ मिलकर कंप्यूटर क्रांति पर काम किया. उनका यह मानना था कि बिना टेक्नोलॉजी के विकास संभव नहीं है. उन्होंने कंप्यूटर को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए कंप्यूटर पर लगने वाला आयात शुक्ल कम करने का फैसला किया.

नवोदय विद्यालय खोले

वर्तमान समय में भारत में 500 से अधिक नवोदय विद्यालय हैं. जिसमें लगभग करीब 2 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. गांवों के बच्चों की प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए राजीव गांधी ने नवोदय विद्यालय खोलना शुरू किया. मालूम हो कि नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा 6 से 12वीं तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलती है और हॉस्टल का खर्च भी मुफ्त होता है सारा खर्च सरकार उठाती है.

मतदान करने की उम्र में कटौती

उस समय 21 वर्ष के आयु वालों को ही मतदान के अधिकार होता था. लेकिन राजीव गांधी ने ये उम्र घटाकर 18 साल कर दी. 1989 में संविधान के 61वें संशोधन के बाद मतदान करने की उम्र 18 वर्ष हुई.

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