नई दिल्ली/आर्ची तिवारी। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वाराणसी के मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस रख दिया। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को मंडुवाडीह स्टेशन के नाम बदलने का अनुरोध पत्र भेजा था। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने उस अनुरोध पत्र को स्वीकृति देते हुए मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस करने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी कर दिया है।
इस प्रक्रिया से किया जाता है नामों में परिवर्तन
अगर किसी भी स्टेशन के नामों में परिवर्तन किया जाए तो गृह मंत्रालय को सबसे पहले रेल मंत्रालय, भारतीय डाक एवं सर्वेक्षण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करना होता है। उसके बाद ही गृह मंत्रालय उस स्टेशन के नाम में कोई परिवर्तन ला सकता है। आपको बता दें कि गृह मंत्रालय नाम परिवर्तन प्रस्तावों को पारित करने से पहले संबंधित एजेंसियों से विचार-विमर्श कर वर्तमान स्थितियों के निर्देशानुसार ही स्थानों पर विचार करता है। वहीं किसी गांव, कस्बा, या शहर के नामों में परिवर्तन लाने के लिए कार्यकारी आदेश की आवश्यकता होती है। जबकि राज्य का नाम बदलने के लिए संसद में साधारण बहुमत से संविधान संशोधन आवश्यक होती है।
इससे पहले भी कई स्टेशनों के नाम बदले गए
मडुवाडीह स्टेशन के नाम परिवर्तन से पहले भी कई स्टेशनों के नाम बदले जा चुके हैं। 2 साल पहले मार्च, 2017 में इलाहाबाद जंक्शन को “प्रयागराज” नाम दिया गया था। तब से संगम नगरी अब प्रयागराज के नाम से जाने जाती है। वहीं मुगलसराय को “पंडित दीनदयाल उपाध्याय” नाम से परिवर्तित किया गया। अब मुगलसराय स्टेशन को दीनदयाल के नाम से जाना जाता है। मुगलसराय जंक्शन के नए नाम के बोर्ड से परदा हटाने के लिए रेलमंत्री पीयूष गोयल, सीएम योगी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित कई मंत्रियों ने उद्घाटन किया था।