कोरोना से युद्ध में आत्मअनुशासन रूपी हथियार लॉकडाउन।

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जैसा की हम सभी जानते है इस समय पूरा विश्व कोरोना वायरस जैसी महाआपदा से लड़ रहा है पूरे विश्व मे इस समय कोरोना से बचाव की क्रिया की जा रही है कोरोना से लडने व इसको हराने का जो एक मात्र साधन वह लॉकडाउन है. लॉकडाउन के माध्यम से ही कोरोना से युद्ध मे जीता जा सकता है, जैसा की हम देख रहे हैं बडे बडे देश कोरोना से जीतने के लिए लॉकडाउन की क्रिया को अपना रहे है उसी क्रिया को भारत ने भी अपनाया है लॉकडाउन के माध्यम से हम भारत देश को कोरोना से मुक्त कर सकते है. लॉकडाउन ही एक ऐसा माध्यम है जो कोरोना से जीतने मे हमारे लिए सहायक है. हम भारत देशवासियो का यह कर्तव्य बनता है कि एक सच्चे देशभक्त होने के नाते हम इस लॉकडाउन का पालन अनुशासित रूप से करते हुए एक सच्चे देशभक्त होने की भूमिका निभाएँ. मेरी व्यक्ति गत सोच के आधार पर सच्चा देश भक्त वह है जो इस विषम परस्थिति मे आत्मअनुशासन के साथ लॉकडाउन का पालन कर रहा है. जैसा की हम सब देखते है कि यदि कोई हमारे देश पर आँख ऊठाने की कोशिश करता है तो वह हमे बिल्कुल बरदाश्त नहीं होता व हम एक देशभक्त होने के नाते हम उसको करारा जबाब देकर उसे सबक सिखाते है, साथियो इस समय भी वही परस्थिति है हमारे देश पर इस समय कोरोना नजर डाल रहा है ,हम सभी देशवासियो को अपने देशभक्ति की परीक्षा देते हुए इस समय आत्मअनुशासित रूप से लॉकडाउन का पालन करते हुए इस कोरोना वायरस को खत्म कर अपने सच्चे देशभक्त होने का प्रमाण देना है. साथियो लॉकडाउन मे हमे घर पर रहकर इस कोरोना से युद्ध लडना है जबतक कोई विशेष परिस्थित उत्पन्न न हो हमे अपने घर के बाहर नही निकलना है,हमारा यह अनुशासित रूपी कदम हमे कोरोना को हराने का साधन बन सकता है . इसलिए हमे आत्मअनुशासन के साथ लॉकडाउन का पूर्ण पालन करना है .

(ये लेखक के निजी विचार हैं)

हर्ष अग्रवाल
सामाजिक कार्यकर्ता, बरेली

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