नई दिल्ली/आशीष भट्ट। कल लोकसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल, 2020 और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता तथा मूल्य आश्वासन बिल, 2020 पास हो गए हैं, लेकिन कई किसान संगठन इसे किसान विरोधी बता रहे हैं, इस बिल के पास होने के बाद पीएम मोदी ने कहा, लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे, इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे।
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पीएम ने आगे कहा, किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि MSP और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं।
लेकिन इस बिल के पास होते ही शिरोमणि अकाली दल ने इसका विरोध किया आपको बता दें कि शिरोमणि अकाली दल मोदी सरकार के साथ NDA के साथ गठबंधन में है, और ठीक इसके बाद शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया, आज राष्ट्रपति ने हरसिमरत कौर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और मोदी सरकार ने उनकी जगह नरेंद्र सिंह तोमर को जिम्मेदारी दी है।
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इस बिल पर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि, हमने किसान की भावनाएं केंद्र सरकार को बताने की कोशिश की, परन्तु जब केंद्र सरकार ने किसान की शंका को दूर नहीं किया और तुरंत संसद में बिल लेकर आ गए तो हमारी पार्टी ने फैसला किया कि हम इसका विरोध करेंगे,हमने फैसला किया की हरसिमरत कौर जी इस्तीफा देंगी और उन्होंने इस्तीफा दे दिया, पार्टी कोर कमेटी की बैठक जल्द होगी, अगला फैसला पार्टी द्वारा लिया जाएगा।
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इस पर हरसिमरत कौर बादल ने कहा, शिरोमणि अकाली दल ने कृषि बिल के विरोध किया और मैंने केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री के पद से इस्तीफा दिया, मैंने देश और पंजाब के किसानों का साथ दिया, जो कई दिनों से सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं, हमारी मांग यही थी कि इस अध्यादेश को लेकर जो शंका है, उसे दूर किया जाए, आज मैं उस सरकार का हिस्सा नहीं होना चाहती, जिसने शंका को दूर किए बिना अध्यादेश पास करने का फैसला किया।