नई दिल्ली/पूजा शर्मा। आज श्रावण मास का पहला शुक्रवार है. सावन के महिने में सोमवार से साथ-साथ शुक्रवार का भी महत्व होता है. सावन माह में शुक्रवार के दिन लक्ष्मी माता के स्वरूप धन लाक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है. जिस प्रकार सावन में भगवान शिव के सोमवार का व्रत रखा जाता है, वैसे ही शुक्रवार का भी व्रत रखा जाता है. सावन का सोमवार व्रत भगवान शिव और मंगलवार को माता पार्वती की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं कि सावन के पहले शुक्रवार को धन लक्ष्मी की कैसे पूजा करनी चाहिए.
ये भी पढ़ें ऐसे करें शिवलिंग की स्थापना, पूरी होगी हर मनोकामना
आज शाम को श्वेत वस्त्र धारण करें और किसी शिव मंदिर में जाएं या घर पर ही शिवलिंग का पूजन करें. फिर माता धन लक्ष्मी को गुलाब, सफेद चंदन, इत्र, शक्करपारा, कमलगट्टे की माला, घी, चीनी, बिल्वगिरि आदि अर्पित करें. शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद अब आप त्र: ओम महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् मंत्र का जाप 108 बार कर सकते हैं. पूजा के अंत में माता धन लक्ष्मी की आरती करें और प्रसाद परिजनों में वितरित करें.
ये भी पढ़ें सावन स्पेशल : जानिए कहां-कहां हैं भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग
भगवान शीव को सावन का महीना अधिक प्रिय होता है. श्रावण मास में शुक्रवार के दिन मां पार्वती की भी पूजा की जाती है. इस दिन शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करने और उनके दर्शन करने से मन प्रसन्न रहता है. वैसे तो सावन माह का हर दिन भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित होता है. लेकिन आप भगवान शिव की पूजा के साथ उस दिन के विशेष देवी देवताओं की पूजा भी करें, तो आपके लिए लाभदायक साबित होगा.