Vastu shastra: ऐसा रखें घर की दीवारों और पर्दों के रंग, घर में रहेगी सुख-शांति

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Vastu shastra

नई दिल्ली/पूजा शर्मा। आज के समय में हर व्यक्ति अपने घर को खूबसूरत बनाना चाहता है. जिसके लिए वो दिन रात मेहनत करता है. लेकिन घर में सुख-शांति से रह नहीं पता. इसके पिछे का कारण है घर में होने वाला वास्तु दोष (Vastu shastra) . घर आप कितना भी सुंदर बनवा लें पर वास्तुदोषों को दूर नहीं किया तो कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. भारतीय वास्तुशास्त्र (Vastu shastra) के अनुसार इन वास्तुदोषों को दूर या कम करने के लिए घर की आंतरिक सज्जा विशेष मददगार होती हैं. निस्संदेह घर के इंटीरियर डेकोरेशन में दीवारों के रंग और पर्दों की महत्वपूर्ण भूमिका है. जिसका चयन हमे सोच समझ कर करना चाहिए. आइएं हम आपको बताते हैं कि कैसे घर में साज सजावट का ध्यान रखा जाना चाहिए.

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इसलिए घर की दीवारों और पर्दों के रंग का सही चुनाव करना चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि में वृद्धि हो. अलग-अलग रंग के पर्दे घर को न केवल खूबसूरत बनाते हैं, बल्कि घर में पॉजिटिव एनर्जी बनाए रखने में सहायक होते हैं.

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  • घर के हर कमरे का उद्देश्य अलग-अलग होता है. भारतीय वास्तुशास्त्र घर के सभी कमरों की पुताई एक ही रंग से नहीं करवानी चाहिए.
  • मानसिक शांति और रिश्तों में मधुरता के लिए रंग का वैज्ञानिक महत्व है. बेडरुम को गुलाबी, आसमानी या हल्के हरे रंग से पुताई करवाने से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है.
  • किचन के लिए लाल और नारंगी शुभ रंग माना जाता है. टॉयलेट और बाथरुम के लिए सफेद या हल्का नीला रंग अनुकूल होता है.
  • घर में पर्दा लगाना हो यह ध्यान रखें कि पर्दे हमेशा दो रंग की परतों वाली होनी चाहिए. यदि बेडरुम पूर्व दिशा में हो तो हरे रंग के पर्दे अच्छे होते हैं.
  • उत्तर दिशा के कमरे लिए नीले पर्दे और पश्चिम दिशा के कमरे के लिए सफेद रंग के पर्दे लगाना उचित माना गया है. यदि कमरा दक्षिण दिशा के कोने पर हो तो लाल रंग के पर्दे उपयुक्त माने गए हैं.
  • ड्राइंग रूम यानी बैठक घर का काफी महत्वपूर्ण कमरा होता है. इस कमरे की दीवारों को हल्के नीले या आसमानी, क्रीम कलर, पीला या हल्के हरे रंग का होना उत्तम माना गया है. इस कमरे लिए क्रीम, सफेद, सुनहरे या भूरे रंग का पर्दों प्रयोग किया जा सकता है.
  • वायव्य दिशा में बने ड्राइंग रूम में हल्का हरा, हलका स्लेटी, सफेद या क्रीम रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए. यदि ड्राइंग रूम की खिड़कियां-दरवाजे में उत्तर दिशा में हों तो हरे आधार पर नीले रंग से बनी जल की लहरों जैसी डिजाइन के पर्दे उत्तम होते हैं.
  • भारतीय वास्तुशास्त्र (Vastu shastra) के अनुसार घर की सीलिंग ब्रह्मस्थान की भूमिका निभाती है और इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है. यदि आप अपने घर की सीलिंग को गुलाबी, पीले, नीले आदि रंगों से पुतवाना चाहते हैं तो रुकिए क्योंकि छतों का रंग सफेद ही सर्वोत्तम माना गया है.

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