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इन संकेतों से समझें, कहीं आपका कोई अपना डिप्रेशन में तो नहीं : अवसाद नहीं, ज़िंदगी चुनें

नई दिल्ली/दीक्षा शर्मा। टेलीविजन की दुनिया से फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर की शुरूआत कर बॉलीवुड में स्थापित होने वाले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने रविवार को अपने घर पर खुदकुशी कर ली थी. एमएस धोनी, राब्ता, शुद्ध देसी रोमांस, छिछोरे, केदारनाथ जैसी फिल्मों से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले सुशांत की खुदकुशी की खबर सुनकर सभी हतप्रभ हैं कि करियर के इस मुकाम पर कोई ऐसा आत्मघाती कदम कैसे उठा सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में हर साल करीब आठ लाख लोग आत्महत्या (Suicide) कर लेते हैं. डब्ल्यूएचओ की ओर से आत्महत्या को लेकर जारी ग्लोबल डाटा के मुताबिक ऐसा करने वालों में 15 से 29 साल के लोगों की तादाद सबसे ज्यादा है.
मनोचिकित्सक बताते हैं कि डिप्रेशन के बारे में लोग अक्सर बात नहीं करना चाहते, वो लोग सोचते हैं कि हम अकेले हैं. जो लोग डिप्रेशन से जूझ रहे होते हैं, वे किसी से बात नहीं कर पाते और अकेला महसूस करते हुए जिंदगी से हार जाते हैं. कई बार डिप्रेशन जब हावी होने लगे तो लोग गलत कदम उठा लेते हैं. आपके आसपास कोई अपना ऐसी किसी स्थिति में न हो, इसका ध्यान आपको भी रखना चाहिए.
विशेषज्ञ बताते हैं कि डिप्रेशन के कुछ संकेत होते हैं. अगर आपका कोई अपना, दोस्त, सहकर्मी या कोई और जानने वाला अगर डिप्रेशन से जूझ रहा हो तो उसके व्यवहार पर गौर करना जरूरी है.

नींद ना आना

डिप्रेशन की शुरुआत तानव से होती है जिसकी वजह से व्यक्ति को नींद न आने की परेशानी शुरू हो जाती है. इसके अलावा या फिर वह बहुत सोने लगता है.

भूख 

डिप्रेशन में कई बार लोगों को कुछ भी खाने का मन नहीं होता. उन्हें भूख का अनुभव नहीं होता. वहीं कुछ मामलों में देखा गया है कि व्यक्ति को कुछ ज्यादा ही भूख लगने लगती है.

वजन 

डिप्रेशन के कारण व्यक्ति का वजन या तो बढ़ जाता है या फिर घटने लगता है. विशेषज्ञ के मुताबिक हर महीने व्यक्ति के वजन में औसतन पांच फीसदी बदलाव देखा जाता है.

उदासी या अकेलापन

उदासी डिप्रेशन का एक बड़ा संकेत है. कई बार ऐसा देखा जाता है कि लोूग अपनों के बीच, दोस्तों और परिवार के बीच भी खुश नही रह पाते. अक्सर वह भीड़ में अकेलापन जैसा महसूस करते हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि उनके पास उनका कोई नहीं है.

एकाकीपन

डिप्रेशन में व्यक्ति अकेला रहना ज्यादा पसंद करता है. किसी के बीच रहने, बात करने का मन नहीं होता. वह अपना एक आभासी जोन बना लेता है और उसी में रहना चाहता है.  

 अपराधबोध

कई बार डिप्रेशन में लोगों को हद से ज्यादा अपराधबोध महसूस होता है. उसे अक्सर लगता है कि जो कुछ गलत हुआ है, वह उसी की वजह से हुआ है. ऐसे में वे अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं.

नकारात्मक विचार

डिप्रेशन में कई व्यक्ति अपनी जिंदगी से ही परेशान हो जाते हैं. उन्हें कई बार उल्टा-सीधा ख्याल आने लगता है. उन्हें लगता है कि उनकी जिंदगी में कुछ नहीं बचा और उन्हें दुनिया बेकार लगने लगती है.

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