सुप्रीम कोर्ट का फैसला: सभी प्रवासी मजदूरों को 15 दिन के अंदर घर भेजा जाए

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नई दिल्ली/काजल गुप्ता। कोरोना वायरस के वजह से देशभर में लगे लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपना बड़ा फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को 15 दिन के अंदर सभी मजदूरों को उनके घर वापस भेजने के आदेश दिए हैं.  सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सभी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया जाए और आज से 15 दिनों के अंदर सभी मजदूरों को उनके घर भेजा जाए. प्रवासी मजदूरों  के लिए 24 घंटे के अंदर केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त ट्रेनें दी जाएंगी.

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से भी कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए काउंसिल सेंटर की स्थापना करें. उन सभी प्रवासी मजदूरों का डाटा इकठ्ठा करे. इससे रोजगार देने में मदद होगी और अगर मजदूर वापस काम पर जाना चाहता है तो राज्य सरकार उनकी मदद करे.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि लॉकडाउन में सड़क पर चलने के वजह से प्रवासी मजदूरों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाए. अपने आदेश में कहा कि पलायन के दौरान मजदूरों पर दर्ज किए गए लॉकडाउन उल्लंघन के मुकदमे वापस लिए जाएं. सभी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया जाए और जो मजदूर घर जाना चाहते हैं, उन्हें 15 दिन के अंदर घर भेजा जाए. अगर राज्य सरकारें अतिरिक्त ट्रेन की मांग करती हैं तो केंद्र 24 घंटे के अंदर मांग को पूरी करे.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आगे राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से मजदूरों को रोज़गार देने के लिए स्कीम बनाने का आदेश दिया है. इसके बारे में प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देनी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी मजदूरों को स्कीम का लाभ दिया जाए और स्कीम के बारे में मजदूरों को जानकारी भी दी जाए.

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