देखिए कैसे एक झगड़े ने योगी आदित्यनाथ को राजनीति में आने पर मजबूर कर दिया

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see how a quarrel forced yogi adityanath to enter politics
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नई दिल्ली/दीक्षा कुलश्रेष्ठ। भारत के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के बारे में हर कोई जानना चाहता है. किसी समय पर उत्तराखंड के रहने वाले अजय सिंह बिष्ट अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से जाने जाते हैं, YogiAdityanath उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अपनी सूझ बूझ और सराहनीय कार्यो की वजह से लोगो की नजरों में एक अच्छे नेता साबित हुए हैं और साथ ही इनके गोरखपुर में आने से लेकर मुख्यमंत्री बनने का सफर बेहद खास है योगी आदित्यनाथ के सन्यासी बनने की कहानी और उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ पहलू हम आज आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे.

अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ की कहानी

योगी आदित्य नाथ का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में एक सामान्य परिवार में हुआ था, उत्तराखंड से निकल कर आदित्यनाथ ने 22 वर्ष की अवस्था में सांसारिक जीवन त्यागकर दीक्षा लेने के बाद सन्यास ग्रहण कर लिया और योगी आदित्यनाथ बन गए, योगी के गोरखपुर आने के संबंध मे बताया जाता है कि योगी 21 साल की उम्र में परिवार को छोड़ कर गोरखपुर आ गए थे

कैसे बने योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के उत्तराधिकारी

महंत अवैद्यनाथ के सभी शिष्यों में से एक योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सबसे चहते शिष्य थे जिसके चलते महंत अवैद्यनाथ ने योगी को गोरखपुर की गद्दी का उत्तराधिकारी बनाते हुए अपनी राजनीति में भी उत्तराधिकारी घोषित कर दिया और साथ ही महंत अवैद्यनाथ की हालत गंभीर होने की वजह से उन्होंनें योगी को गोरखपुर मंदिर का पीठाधीश्र्वर बना दिया जिसके चलते योगी ने सन्यासी धर्म का कर्तव्य बखुबी निभाया है.

एक झगड़ा बना योगी आदित्यनाथ का राजनीती मे आने का कारण

हिंदुत्ववादी छवी और बीजेपी के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल में अपनी खूब पैठ बनाई इसी दौरान उन्होंने एक संगठन हिन्दु युवा वाहिनी बनाई. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने से पहले (Yogi Adityanath) गोरखपुर के सांसद भी रह चुके हैं योगी आदित्यनाथ की राजनीति मे आने की कहानी बड़ी ही अनोख़ी है और ऐसा बताया जाता है कि बाजार में कपड़े की एक दुकान पर एक झगड़े के कारण योगी आदित्यनाथ को राजनीति में आना पड़ा ये बात करीब 20 से 22 साल पुरानी है गोरखपुर शहर के बाजार गोलघर में गोरखपुर मंदिर से संचालित इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र एक दुकान पर कपड़े खरीदने गए थे और उसी समय किसी बात पर दुकानदार से विवाद हो गया वहीं दुकानदार ने इस झगड़े में रिवॉल्वर निकाल ली और फायरिंग कर दी दो दिन के बाद दुकानदार के खिलाफ कार्यवाई की मांग को लेकर योगी की अगुवाई में छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया और इसी कारण की बजह से योगी आदित्यनाथ ने राजनीति में कदम रखा.

हिंदुवादी छवी के कद्दावर नेता बने योगी

राजनीति में आने के बाद योगी की छवि एक कठोर हिंदुत्ववादी नेता के तौर उभरना शुरू हो गई वहीं योगी लगातार पांच बार गोरखपुर के सांसद रहे वहीं हिंदुत्व का सबसे बड़ा चेहरा बनने वाले योगी ने हिंदू माहासभा के अध्यक्ष महंत दिग्विजयनाथ जैसी छवि प्राप्त करने में भी सफलता हासिल की और साथ ही गोरखपुर में युवाओं के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई.

ऐसे बने यूपी के सीएम

गोरखपुर के सांसद और कद्दावर छवी के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ की जनता में अच्छी पकड़ है उनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह जनता से सीधा संवाद करने में विश्र्वास रखते हैं जो शायद कोई भी नेता ऐसा सोचता हो यूपी में योगी आादित्यनाथ की छवि एक कद्दावर नेता की बन चुकी थी अपने नीतिगत फैसलों से गोरखपुर के सांसद योगी आदित्य ने सभी को चकित कर दिया उनका कद लगातार बढ़ता ही गया और यही वजह रही की शीर्ष नेतृत्व ने योगी आदित्य नाथ को देश के सबसे बड़े सुबे उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया.

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