इस सूर्यग्रहण में कई रहस्यों से पर्दा उठा सकेंगे वैज्ञानिक, अहम होगा यह दिन

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नई दिल्ली/दीक्षा शर्मा। 5 जून के चंद्रग्रहण के बाद इस महीने में 21 जून को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. कहा जा रहा है कि यह ग्रहण बहुत मायनों में खास है और इस दौरान सूर्य का भी अलग अंदाज देखने को मिलेगा. आपको बता दें कि 21 जून को इस ग्रहण की शुरुआत सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर हो जाएगी, जो दोपहर में 3 बजकर 5 मिनट पर खत्म होगा. वैज्ञानिकों का कहना है कि करीब 6 घंटे तक इस ग्रहण के लगे रहने से कई रहस्यों से पर्दा उठाने में मदद मिलेगी.
21 जून को लगने वाले इस ग्रहण का पूरे विश्व में काफी चर्चा में है और इसके अलावा इसको लेकर काफी अध्ययन भी किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि 9 बजकर 15 मिनट पर इस ग्रहण की शुरुआत हो जाएगी और 12 बजकर 10 मिनट पर इसमें रिंग ऑफ फायर दिखेगी.

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सबसे पहले यहां दिखाई देगा सूर्यग्रहण

खगोलशास्त्रियों के मुताबिक, कहा जा रहा है कि भारत में यह ग्रहण 10 बजे से दिखाई देना शुरू हो जाएगा. वहीं पूरी विश्व की बात करें तो इसकी शुरुआत अफ्रीका से हो रही है. यह सूर्यग्रहण सबसे पहले अफ्रीका के युथोपिया में दिखेगा. साथ ही यहां पर ये 100 फीसदी दृश्यमान होगा. अफ्रीका के यूथोपिया में दिखने के बाद यह दक्षिण पाकिस्तान में दिखाई देगा. फिर बाद ये भारत के राजस्थान में प्रवेश करेगा.

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ग्रहण के समय सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं तो इससे मैग्नेटिक प्रभाव पड़ता है. पृथ्वी और चंद्रमा से ज्वार भाटा उठने लगते हैं और तीनों के एक सीध में आने की वजह से चुंबकीय तरंगें पैदा होने लगती हैं. इन तरंगों के वजह से कुछ लोगों में मानसिक बेचैनी और सुस्ती जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

आखि़र क्यों है ख़ास ग्रहण

यह सूर्यग्रहण वैज्ञानिक के लिए अहम इसलिए भी बताया जा रहा है क्योंकि यह ग्रहण आयन मंडल के अध्ययन के लिए सबसे बेहतर है. कहा जाता है कि सूर्य की किरणें जब बंद हो जाती हैं तो आयन मंडल का अध्ययन करना आसान होता है. इस दौरान आयन मंडल के बनावट और संरचना के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है.

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अध्ययन के लिए मिलेगा ज्यादा वक़्त

इसके अलावा वैज्ञानिक वातावरण और जानवरों पर भी ग्रहण से पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करते हैं. क्योंकि माना जाता है कि आमतौर पर ग्रहण के वक्त जानवर विचलित होने लगते हैं. यह ग्रहण लंबे समय तक जारी रहेगा. ऐसे में अध्ययन करने के लिए काफी समय मिलेगा.

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