नई दिल्ली/दीक्षा शर्मा। 34 साल बाद देश की शिक्षा नीति में नये बदलाव किए गए हैं. बुधवार को मोदी सरकार ने इस नई शिक्षा नीति को को मंजूरी दे दी. भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा नीति में कई सारे नए कदम उठाए गए हैं. कहा जा रहा है कि जिससे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन खुश हैं. क्योंकि संघ से जुड़े संगठन लगातार यह मांग करते रहे हैं कि भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता दी जाए. इसके अलावा आरएसएस से जुड़े संगठनों ने यह मांग उठाई थी कि पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई मात भाषा से कराई जाए. नई शिक्षा नीति 2020 में इसे जगह मिली है.
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संघ से जुड़े संगठन शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के लोगों का कहना है कि हम नई नीति का स्वागत करते हैं. नीति में सिर्फ पांचवीं तक मात भाषा में पढ़ाने की बात ही नहीं बल्कि भारतीय भाषाओं को प्रमोट करने के लिए कई और उपायों की भी बात है.
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