आरती कश्यप
हाल ही में विभिन्न देशों से अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों की वापसी की खबरें सामने आई हैं। इस घटनाक्रम ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है। भारत सरकार ने इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाते हुए कई देशों के साथ सहयोग करके ऐसे नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है।
अवैध रूप से विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों का मुद्दा लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों और राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा है। सरकार ने हाल के महीनों में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, और खाड़ी देशों सहित विभिन्न देशों की सरकारों के साथ वार्ता और कूटनीतिक प्रयासों को बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप हजारों भारतीय नागरिकों की भारत वापसी हुई है।
इन नागरिकों की वापसी प्रक्रिया में भारत सरकार की विदेश मंत्रालय और दूतावासों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही। दूतावासों ने विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए विशेष शिविर लगाए, जहाँ उनकी पहचान, सत्यापन, और यात्रा के आवश्यक दस्तावेज तैयार किए गए। इसके बाद विशेष विमानों और चार्टर्ड उड़ानों के माध्यम से उनकी वापसी कराई गई।
सरकार के अनुसार, विदेशों से लौटे अधिकांश नागरिक रोजगार के तलाश में अवैध तरीकों से विदेशों में प्रवेश कर गए थे। इनमें से कई नागरिकों को स्थानीय प्रशासन द्वारा हिरासत में लिया गया था, जबकि कई अन्य आर्थिक संकट के कारण स्वदेश लौटने के लिए मजबूर हुए। लौटे नागरिकों को भारत आने के बाद उनके गृह राज्यों में वापस भेजा गया, और साथ ही उनके पुनर्वास और रोजगार की व्यवस्था करने के लिए भी सरकार द्वारा योजनाएं शुरू की गई हैं।
इस कदम को मानवीय दृष्टिकोण से बेहद सराहा गया है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी भारत सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की है। इन संगठनों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रत्येक देश को अपने नागरिकों के प्रति ऐसे सकारात्मक कदम उठाने चाहिए ताकि अवैध प्रवासन की समस्या का मानवीय समाधान हो सके।
वहीं, विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार की नीति को अपर्याप्त बताया है और अधिक प्रभावी उपाय अपनाने की सलाह दी है। विपक्ष का तर्क है कि सरकार को विदेशों में भारतीय नागरिकों के लिए रोजगार के बेहतर अवसरों का निर्माण करना चाहिए, जिससे वे अवैध रूप से अन्य देशों में जाने के लिए मजबूर न हों।
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस समस्या के समाधान के लिए वह दोहरी नीति अपना रही है: पहली तो विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना, और दूसरी, भारत के अंदर रोजगार और आर्थिक अवसरों में बढ़ोतरी कर विदेशों की ओर अवैध प्रवासन को कम करना।
आगे चलकर सरकार की यह नीति कितनी सफल होगी, यह भविष्य में देखा जाएगा। लेकिन वर्तमान में, यह कदम न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि सुधारने में सहायक साबित हुआ है बल्कि भारत के नागरिकों को यह भरोसा भी दिला रहा है कि सरकार उनके कल्याण और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।