नई दिल्ली/आशीष भट्ट। राजस्थान नें सियासी उठा पटक का दौर जारी, कांग्रेस बागी नेताओ को मनाने में लगी हुई है. बैठकों का दौर जारी है. दिल्ली से लेकर जयपुर तक हलचल है. कल राजस्थान में मु्ख्यमंत्री अशोक गहतोल ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी, इस बैठक में कांग्रेस ने 109 विधायकों के पहुंचने का दावा किया था. हालांकि कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे. आज मंगलवार को फिर कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई है और सचिन पायलट को भी बुलाया गया है.
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सरकार बचाने के लिए कितने विधायक चाहिए
राजस्थान में विधानसभा में 200 विधायक हैं यानि सरकार बचाने और चलाने के लिए 101 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा, ऐसे में कांग्रेस ये दावा कर रही है कि उसकी बैठक में 109 विधायकों ने हिस्सा लिया था. अगर 101 विधायक भी कांग्रेस के साथ होंगे तो गहलोत सरकार गिरने से बच जाएगी.
आगे सचिन पायलट का भविष्य क्या होगा
सचिन पायलट कांग्रेस के युवा नेता हैं और राजस्थान के कांग्रेस अध्यक्ष के साथ साथ वह राजस्थान के उप मुख्यमंत्री भी हैं और राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं. अभी कुछ दिन पहले से सचिन पायलट बागी हो चुके हैं और गहलोत सरकार को गिराने की कोशिश कर चुके हैं, सचिन पायलट कह चुके हैं कि अशोक गहलोत की सरकार अब अल्पमत है. अब अगर गहलोत अपनी सरकार बचा लेते हैं तो सचिन पायलट उप मुख्यमंत्री बने रहेंगे कांग्रेस में उनकी क्या भूमिका होगी ये देखने वाली बात होगी.
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क्या कांग्रेस का पतन हो रहा है
अभी कुछ समय पहले कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सराकार पलट दी थी. और बीजेपी में शामिल हो गए थे. सिंधिया लगातार कांग्रेस पर अपनी अनदेखी का आरोप लगाते रहे हैं. सिंधिया भी राहुल गांधी के करीबी दोस्त माने जाते थे फिर भी कांग्रेस उन्हें मना न सकी और सिंधिया बीजेपी में चले गए. अब अगर सचिन पायलट भी कांग्रेस छोड़ देते हैं तो यह कांग्रेस की दूसरी बड़ी क्षति होगी.