नई दिल्ली/दीक्षा शर्मा। भारतीय संस्कृति की धार्मिक कथाओं में मोर को उच्च कोटी का दर्जा दिया गया है. मोर को उच्च कोटि का दर्जा इसलिए भी दिया जाता है क्योंकि भगवान् श्रीकृष्ण अपने मुकुट पर मोर का पंख सजाए रखते है और यह मोर की महत्त्वता को दर्शाता है. लेकिन क्या आप आपने कभी सोचा है कि मोर को ही क्यों भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया?
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मोर का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले नाच, पंख और उनकी खूबसूरती आती है. पक्षियों का राजा कहा जाने वाला यह मोर जब पंख फैलाकर नाचता है तो देखने वाले मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. मोर केवल एक सुंदर पक्षी ही नहीं बल्कि इसे हिंदू धर्म की कथाओं में भी ऊंचा दर्जा दिया गया है.
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मोर को भारत का राष्ट्रीय पक्षी चुने जाने के पीछे सिर्फ उसकी खूबसूरती ही एक कारण नहीं बल्कि और भी कई वजहें हैं जिनके चलते यह इस मुकाम पर है. दरअसल, राष्ट्रीय पक्षी के लिए मोर का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि पहले ये भारत में ही पाया जाता था. राष्ट्रीय पक्षी के चुनाव की लिस्ट में मोर के साथ सारस, हंस के नाम थे. कहते हैं कि 1960 में राष्ट्रीय पक्षी चुनने के लिए बैठक हुई जिसमें गाइडलाइंस तय की गईं थीं. इसके मुताबिक वो पक्षी चुना जाना था जो देश के हर हिस्से में मिले, आम लोग जानते हों और भारतीय संस्कृति का हिस्सा हो. इन सब बातों पर मोर ही खरा उतरा. और इसी के चलते 26 जनवरी 1963 को मोर राष्ट्रीय पक्षी घोषित कर दिया गया.
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