केदारनाथ को क्यों कहते हैं जागृत महादेव, जानिए पूरी कहानी

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केदारनाथ

नई दिल्ली/आशीष भट्ट। क्या आप जानते हैं केदारनाथ को जागृत महादेव भी कहा जाता है, आज हम आपको बताएंगे केदारनाथ को जागृत महादेव क्यों कहा जाता है. ये कहानी एक भक्त की है, एक गरीब शिव भक्त ने बाबा केदारनाथ धाम के दर्शन करने का फैसला लिया. और पैदल यात्रा आरंभ कर दी और केदारनाथ धाम की ओर बढ़ने लगा उसके घर के केदारनाथ धाम कई दूर था, 2 महीने बीत गए जब वह केदारनाथ धाम पहुंचा, तो वहां बर्फ पड़ रही थी और ऐसा लग रहा था वहां कोई नहीं है. आपको बता दें केदारनाथ धाम के कपाट 6 महीने के लिए खुलते हैं और 6 महीन के लिए बंद रहते हैं.

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जब केदारनाथ धाम में बर्फ पड़ने लगती है को केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. जब वह भक्त केदारनाथ धाम पहुंचा उस समय ठंड की शुरूआत हो चुकी थी और उसने देखा कि मंदिर के पुजारी कपाट बंद कर अपने घर जा रहे थे. उसने पुजारी से आग्रह किया की उसे बाबा केदारनाथ के दर्शन करने दिए जाएं. पुजारी के उस शिव भक्त को बताया कि अब मंदिर के कपाट 6 महीने बाद ही खुलेंगे. ऐसा सुनकर उस भक्त की आंखों में आंसु आ गए. और वह रोने लगा, और पुजारी के पैर पकड़ कर बोला “मैं काफी दूर से आया हूं 2 महीने में यहां पहुंचा हु, मुझे बाबा केदारनाथ महादेव के दर्शन करने दिए जाए”

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इस पर पुजारी ने उस भक्त से कहा अब कपाट 6 महीने बाद ही खुलेंगे दर्शन करने हैं तो 6 महीने यहीं रूक जाओ या 6 महीने बाद आना. लेकिन ऐसी ठंड में वहां रात बिता पाना असंभव सा था, लेकिन वो शिव भक्त वहां बैठा और शिव का ध्यान कर रहा था, रात होने लगी और ठंड बढ़ने लगी अब वहां बैठ पाना किसी के लिए असंभव था, रात में एक अघोरी बाबा उसके पास आए और उस खाना दिया, और आग भी जलाई इस अघोरी बाबा ने गरीब शिव भक्त से कहा कि तुम थक गए होगे, तुम खाना खाकर आराम करो, मैं आग जला देता हूं, ऐसे में शिव भक्त खाना खाकर सो गया और उसे नींद आ गई, दूसरी सुबह जब उसकी नींद खुली तो वो अघोरी बाबा वहां नहीं थे, और बर्फ भी साफ हो चुकी थी, उसने सोचा की केदारनाथ में को 6 महीने लगातार बर्फ पड़ती है तो ये क्या हो गया, अचानक उसने देखा कि मंदिर के पुजारी पुजा करने के लिए मंदिर की ओर चले आ रहे हैं. जब पुजारी मंदिर के पास पहुंचे तो उस भक्त ने बड़ी जिझासा से पुछा – कि मंदिक के कपाट आज ही खुल जाएंगे..? पुजारा ने जवाब दिया हां, आज 6 महीने बाद कपाट खुलेंगे.

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ऐसे में उस भक्त ने पुजारी से पुछा कि कल तो आप कह रहे थे कि ये कपाट 6 महीने बाद खुलेंगे लेकिन आप इसे आज ही खोलने जा रहे हैं, पंडित जी ने उस भक्त को पहचान लिया और कहा कि द्वार 6 महीने बाद ही खोले जा रहे हैं, इसके बाद उस भक्त ने उन्हें समस्त घटनाक्रम कह सुनाया, पंडित जी समझ गए कि इस भक्त से उस रात स्वयं शिव जी ही मिलने आए थे, यही वजह है कि केदारनाथ को ‘जागृत महादेव’ कहा जाता है.

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