Rahasya : इस्लाम धर्म में हरे रंग को जन्नत का प्रतीक क्यों माना जाता है, जानिए

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नई दिल्ली/ दीक्षा शर्मा। Rahasya : हिन्दुस्तान में सभी धर्म के लोग रहते है. सभी धर्म की अपनी अलग अलग मान्यताएं हैं. जैसे हिन्दू धर्म में केसरिया रंग को शुभ माना जाता है, उसी तरह इस्लाम धर्म में हरा रंग बहुत पवित्र माना जाता है. सनातन धर्म में केसरिया रंग को शुभ कहने के पीछे यह माना जाता है केसरिया रंग सूर्य, मंगल और बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. साथ ही केसरिया रंग मानसिक शांति प्रदान करता है. उसी प्रकार केसरिया रंग सिख और बौद्ध धर्म में भी पवित्र माना गया है.

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लेकिन क्या आप जानते है इस्लाम धर्म में हरे रंग को पवित्र क्यों माना जाता है. कहते हैं कि इस्लाम धर्म में हरा रंग जन्नत का प्रतीक है. अपने देखा होगा कि इस्लाम धर्म में दरगाह पर चादर से लेकर झंडे तक का रंग हरा होता है. लेकिन ऐसा क्यों? इसके पीछे यह मान्यता प्रचलित हैं कि इस्लाम धर्म की स्थापना करने वाले पैगंबर मोहम्मद हमेशा हरे रंग के कपड़े पहनते थे. उनके अनुसार हरा रंग खुशहाली, शान्ति और समृद्धि का प्रतीक है. इसलिए मस्जिद की दीवारें, कुरान को रखने वाला कपड़ा आदि हरा रंग का होता है.

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