नई दिल्ली/आशीष भट्ट। किसान सुधार बिल सदन से भारी हंगामें के बाद पास हो चुके हैं, विपक्ष इस बिल का चौतरफा विरोध कर रही है, एक तरफ जहां विपक्ष इस बिल का भारी विरोध कर रहे हैं तो वहीं मोदी सरकार और अकाली को छोड़कर एनडीए के बाकी दल इसका समर्थन कर रहे हैं, विपक्ष इसे किसान विरोधी बता रही है तो वहीं मोदी सरकार इसे किसानों के हित बड़ा परिवर्तन मान रही है.
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इस बिल को लेकर राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ इतना ही नहीं अभी तक विपक्ष की पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं, बिल को लेकर सदन में हंगामा हुआ जिसके बाद आठ सांसदों को निलंबित कर दिया था. जिसके बाद से ही पूरे विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों का बहिष्कार किया है. अब बुधवार शाम पांच बजे सारी विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगी. सारी विपक्ष की पार्टियां राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगी और अपील करेंगी कि राष्ट्रपति कृषि बिल को वापस राज्यसभा में लौटा दें.
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सारी पार्टियां एक
जहां एक तरफ इस बिल को लेकर सारी विपक्षी पार्टियां एक हो चुकी हैं, विपक्ष के साथ ही एनडीए की पुरानी सहयोगी पार्टी अकाली दल ने भी इसका विरोध किया है, यहां अकाली दल के कोटे से मंत्री बनीं हरसीमरत कौर बादल ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया, विपक्ष के साथ ही किसान भी इस बिल को लेकर सड़कों में हैं, कई जगह प्रशासन और किसानों के बीच झड़प भी देखने को मिली. खास कर हरियाणा और पंजाब के किसान इस बिल का विरोध कर रहे हैं.
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मोदी सरकार ने पहले इस बिल को आसानी से पास करा लिया और देखते देखते यह बिल भारी हंगामें के बीच राज्यसभा से भी पास हो गया, इस बिल को लेकर कांग्रेस पहले ही 25 सितंबर से देशभर में आंदोलन की बात कह चुकी है और सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने की तैयारी में हैं, साथ ही उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी किसान बिल, बेरोजगारी को लेकर भारी विरोध कर रही है.