नई दिल्ली/ दीक्षा शर्मा। बीते कुछ महीनों से भारत और नेपाल के बीच तनाव बना हुआ है. इसी बीच नेपाल की ओली सरकार ने फिर से एक ऐसी हरकत की है जिससे भारत भड़क सकता है. एक तरफ तो ओली सरकार ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की बधाई दी और वहीं दूसरी ओर नेपाल ने स्कूलों के नए पाठ्यक्रम में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ को अपना हिस्सा बता दिया है. इतना ही नहीं, नेपाल के एक और दो रुपए के सिक्को पर नए नक्शे अंकित करने का फैसला लिया है.
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नेपाल के शिक्षा मंत्री गिरीराज मनी पोखराएल ने इस बात की पुष्टि की है कि नेपाल में आई किताब, ‘नेपालको भुभाग रा सीमासंबंधी स्वाध्याय समागिरी’ को हायर सेकेंड्री के छात्रों के लिए लॉन्च किया गया है. पिछले दिनों लॉन्च हुई इस किताब का प्रस्तावना खुद शिक्षा मंत्री ने लिखा है. सूत्रों की मुताबिक, किताब में लिखा गया है कि नेपाल का भौगोलिक इलाका 1,47,641.28 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 460 वर्ग किलोमीटर कालापानी का हिस्सा है. इस किताब में ही उत्तराखंड के कालापानी जो कि विवादित हिस्सा है, उसे नेपाल की सीमा में दिखाया गया है. नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो नक्शे पर जारी यह किताब नेपाल के इलाकों और विवादित बॉर्डर के बारे में बच्चों को बताएगी. नेपाल की इस हरकत के बाद दोनों देशों के बीच विवाद और बढ़ सकता है.
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नेपाल सरकार के प्रवक्ता और विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली द्वारा नए क़दमों का ऐलान किया गया है. नए सिक्कों का चलन दशहरे से शुरू हो जाएगा. गौरलबल है कि पिछले साल नवंबर में भारत की तरफ से नया राजनीतिक नक्शा जारी किया गया था. इस नक्शे में भारत ने कालापानी को उत्तराखंड में दिखाया गया था. इसके बाद इस नक्शे का नेपाल की तरफ से विरोध किया गया. बीते महीने में नेपाल ने अपनी संसद में ने नया नक्शा पास किया जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपने नए विवादित नक्शे में शामिल किया था. ये विवाद तब शुरू हुआ जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिथौरागढ़ में लिपुलेख रोड का उद्घाटन किया तो उसके बाद से ही नेपाल भड़क गया. इसके बाद नेपाल की सरकार ने कहा कि इस नए नक्शे का प्रयोग नेपाल के हर डॉक्यूमेंट में होगा.
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