आरती कश्यप
महाराष्ट्र सरकार ने आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया, जिसमें राज्य के समग्र विकास, रोजगार सृजन, कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने, और बुनियादी ढांचे के विस्तार पर विशेष जोर दिया गया है। वित्त मंत्री ने राज्य विधानसभा में इस बजट को पेश किया और इसे “जन केंद्रित और प्रगति उन्मुख” करार दिया।
राज्य सरकार ने कुल ₹6,50,000 करोड़ का बजट पेश किया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 15 प्रतिशत अधिक है। इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग और बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों के लिए पर्याप्त धनराशि का आवंटन किया गया है।
शिक्षा क्षेत्र के लिए ₹85,000 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है, जिसमें नई सरकारी स्कूलों की स्थापना, शिक्षकों की भर्ती, और मौजूदा संस्थानों के आधुनिकीकरण को प्राथमिकता दी गई है। सरकार ने डिजिटल शिक्षा के विस्तार और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की है।
स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार ने ₹70,000 करोड़ आवंटित किए हैं। इसमें जिला अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने, मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने, और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना शामिल है। सरकार ने राज्य में तीन नए सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित करने की भी घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र, जो महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है, के लिए ₹95,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। इसमें किसानों को आर्थिक सहायता, नई सिंचाई परियोजनाएं, फसल बीमा योजना, और आधुनिक कृषि तकनीकों का विस्तार शामिल है। सरकार ने किसान ऋण माफी योजना की भी घोषणा की है, जिससे राज्य के लगभग 50 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।
उद्योग और रोजगार सृजन के लिए बजट में ₹50,000 करोड़ की व्यवस्था की गई है। इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज, उद्योगों के लिए नई नीतियां, और रोजगार मेले आयोजित करने जैसी योजनाएं शामिल हैं।
बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ₹1,20,000 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। सरकार ने सड़कों, पुलों, हाईवे, और मेट्रो रेल परियोजनाओं के विस्तार का लक्ष्य निर्धारित किया है। विशेष रूप से मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे महानगरों में परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त फंड दिए गए हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ₹10,000 करोड़ का विशेष बजट रखा गया है। महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थलों, धार्मिक स्थलों, और प्राकृतिक सौंदर्य वाले इलाकों के विकास के लिए योजनाएं बनाई गई हैं, जिससे राज्य में पर्यटन के जरिए रोजगार और राजस्व में वृद्धि होगी।
पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के लिए सरकार ने ₹8,000 करोड़ की व्यवस्था की है। राज्य में वन क्षेत्र का विस्तार करने, नदियों को पुनर्जीवित करने और जल संरक्षण अभियान चलाने की योजना है।
विपक्षी दलों ने बजट को “अपर्याप्त” बताते हुए कई क्षेत्रों में अधिक धनराशि की मांग की है, लेकिन सरकार ने इस बजट को सर्वसमावेशी और संतुलित बताया है। मुख्यमंत्री ने इस बजट को महाराष्ट्र के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है, जो आने वाले वर्षों में राज्य को आर्थिक और सामाजिक तौर पर मजबूत बनाएगा।