लाभ से बढ़कर है ज्ञान की प्राप्ति

0
222
pratibimbnews
pratibimbnews

कोरोना काल के इस विकट संकट में भारत देश का शिक्षा जगत के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों ने सेमिनार को नया रूप ऑनलाइन वेबिनार के रूप में एक कम खर्चीला प्लेटफार्म तैयार कर दिया। जिसमें बिना शुल्क पंजीकरण के कोई भी छात्र व शिक्षक वेबिनार से जुड़कर ज्ञान की प्राप्ति कर सकता है. किंतु कुछ लोग जो शिक्षा जगत से जुड़े हैं इस वेबिनार को अवैध बता रहे हैं उनका कहना है कि यूजीसी ने वेबिनार को मान्यता नहीं दी है और कुछ लोग अपना एपीआई बढ़ाने हेतु अपने प्रमोशन के लाभ हेतु इस वेबिनार से जुड़कर प्रमाण पत्र का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं.


जब कोरोना काल में ऑनलाइन क्लास, ऑनलाइन कोर्स, ऑनलाइन दत्तकार्य व ऑनलाइन परीक्षा को मान्यता दी जा सकती है तब ऑनलाइन वेबिनार, ऑनलाइन वर्कशॉप को क्यों नहीं? कोरोना काल में तो भारत देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व का स्वरूप बदल गया है। एक समय था जब सेमिनार का आयोजन होता था जिसमें पंजीकरण का शुल्क भी लिया जाता था व सेमिनार भी अत्यधिक खर्चीली थी। आज चलन ऑनलाइन वेबिनार का शुरू हुआ है जो कि ज्ञान प्राप्त करने वालों के लिए अत्यंत ही आवश्यक है.


मेरा यूजीसी से यही निवेदन है कि तत्काल वेबिनार को मानता प्राप्त कर शिक्षा जगत में आमूलचूल परिवर्तन करें जिससे कि शिक्षक शिक्षार्थी वेबिनार से जुड़कर ज्ञान की प्राप्ति कर सके.


मयंक शर्मा
एमएड छात्र
रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here