नई दिल्ली/दीक्षा शर्मा। हर किसी के मन में यह सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री का रहन सहन, सिक्योरिटी या दूसरे ताम झाम कैसे होते है. तो जानिए इन सभी सवालों के जवाब.
माना जा सकता है की प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था दुनिया में किसी भी दूसरे देश के राष्ट्रध्यक्ष से कम नहीं होती. देश के बीते दौर में एक प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री को आतंकवाद का शिकार होते देखा है. ज़ाहिर है कि नेताओं की सुरक्षा पर ज्यादा फोकस किया जाता है. तो आइए जानते है प्रधानमंत्री के सुरक्षा कवच को.
प्रधानमंत्री सबसे महफूज़
प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था दुनिया में किसी भी दूसरे देश के राष्ट्रध्यक्ष से कम नहीं होती. देश के बीते दौर में एक प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री को आतंकवाद का शिखार होते देखा है.
आपको बता दें कि भारत में पुलिस और स्थानीय सरकार द्वारा उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान की जाती है. यह खतरे की धारणा पर निर्भर करता है कि व्यक्ति को किस प्रकार की सुरक्षा दी जाती है.
एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप)
नरेंद्र मोदी भारत के ऐसे प्रधानमंत्री है, जिनकी जान को सबसे ज्यादा ख़तरा रहता है. यह एसपीजी( स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) की जिम्मेदारी है कि वह भारत के प्रधानमंत्री को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करे. उनका काफ़िला जहां से गुजरता हैं वहां एसपीजी के जवान तैनात रहते हैं. एसपीजी के कमांडो के खास तरह की राइफल रहती है, जिससे एक मिनट में 800 फायर हो सकता है. पीएम के करीब रहने वाले गार्ड काले चश्मे पहनते हैं ऐसा इसलिए कि, अगर कोई पीएम पर निशाना साधने की कोशिश करे तो उसे जवान देख लें. आपको बता दें कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कई ज्यादा सुरक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी जाती है .उनकी सुरक्षा में विभिन्न घेरों के तहत एक हजार से ज्यादा कमांडो तैनात रहते है. प्रधानमंत्री जहां से भी गुजरते है उनके चप्पे चप्पे पर एसपीजी के अचूक निशानेबाज तैनात होते है. ये शूटर एक सेकंड के अंतराल में आतंकवादियों को मारने में सक्षम हैं. एसपीजी में लगभग 3000 सैनिक होते है. एसपीजी प्रधान मंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और साथ ही अपने परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं. इन सैनिकों को अमेरिका की सीक्रेट सर्विस के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रशिक्षित किया जाता है. SPG के सैनिक FNF-2000 असॉल्ट राइफल, ऑटोमैटिक गन और 17 M रिवाल्वर जैसे आधुनिक हथियारों से संपन्न हैं.
दिल्ली पुलिस की भूमिका
एसपीजी के अलावा, दिल्ली पुलिस भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यदि प्रधानमंत्री को कुछ सभा को संबोधित करना है, तो विशेष क्षेत्र का गहन निरीक्षण दिल्ली पुलिस की सुरक्षा शाखा द्वारा किया जाता है. जब प्रधानमंत्री सभा में भाग लेने के लिए अपने निवास से बाहर निकलते हैं, तो पूरे मार्ग का एक तरफ का यातायात 10 मिनट के लिए अवरुद्ध हो जाता है. इस बीच, दिल्ली पुलिस की दो गाड़ियां सायरन के साथ मार्ग पर गश्त करती हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि प्रधानमंत्री जिस मार्ग से गुजरेंगे, वह पूरी तरह से स्पष्ट है. इसके अलावा, 7 लोक कल्याण मार्ग पर प्रधान मंत्री के आवास पर SPG के 500 से अधिक कमांडो का कब्जा है.
ऐसा होता है प्रधानमंत्री का काफ़िला
प्रधानमंत्री के काफिले में 2 बख्तरबंद बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज सेडान, 6 बीएमडब्ल्यू एक्स 5 और एक मर्सिडीज बेंज एंबुलेंस एक दर्जन से अधिक वाहनों के साथ मौजूद हैं . इनके अलावा, एक टाटा सफारी जैमर भी काफिले के साथ चलता है. ठीक सामने और प्रधानमंत्री के काफिले के पीछे, दिल्ली पुलिस सुरक्षा कर्मचारी के वाहन हैं. फिर, बाई और दाई ओर दो और वाहन हैं और मध्य स्थिति में प्रधान मंत्री का वाहन है, जो बुलेटप्रूफ बीएमडब्ल्यू 7 श्रृंखला संस्करण की 760 एलआई सुरक्षा अतिरिक्त कार है. हमलावरों को गुमराह करने के लिए, काफिले में प्रधानमंत्री के समान दो डमी कारें शामिल हैं. जैमर वाहन के ऊपर कई एंटेना होते है. ये एंटेना 100 मीटर की दूरी पर सड़क के दोनों ओर रखे गए बमों को फैलाने में सक्षम हैं. इन सभी कारों पर एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) के सटीक निशानेबाजों का कब्जा है. कई बार हमला केवल आसमानी नहीं होता इसलिए पीएम मोदी के लिए बीएमडब्ल्यू 7 की कार इस्तेमाल की जाती है. जो बुलेट प्रूफ है इसपर बम का भी कोई असर नहीं होता है. अक्सर आपने पीएम के काफिले के साथ कई गाड़ियां देखी होंगी, दरअसल यह इसलिए होती है ताकि हमलावार पीएम के काफिलो को भेद ना पाएं. जब पीएम पैदल चलते हैं तो उनके आगे-पीछे सादे कपड़ों में एनएसजी के कमांडो चलते हैं, तात्पर्य यह है कि प्रधानमंत्री सुरक्षा के उद्देश्य से लगभग 100 लोगों की टीम के साथ हैं. जब प्रधान मंत्री चलते है, तब वह वर्दी में और साथ ही सिविल ड्रेस में भी एनएसजी की टुकड़ों से घिरा होता है.
विदेश यात्रा पर
जब प्रधान मंत्री को किसी अन्य शहर या विदेश यात्रा पर जाना होता है, तो उनकी उड़ान के लिए वायु सेना जिम्मेदार होती है. पीएम के विमान के उड़ान भरने से पहले पूरे इलाके को नो फ्लाइंग जोन में बदल दिया जाता है. पीएम के एयरपोर्ट पहुंचने से पहले दो विमान तैयार रहते हैं.इस उड़ान की संख्या हमेशा एआई 1है. “एयर इंडिया 1” बोइंग 747-400 विमान का उपयोग प्रधान मंत्री की विदेश यात्राओं के लिए किया जाता है .इस विमान में एनएसजी कमांडो और प्रधानमंत्री के कर्मचारी होते हैं.
आपको यह जानते हुए हैरानी होगी कि मोदी संन्यासी बनने के लिए स्कूल की पढ़ाई के बाद घर से भाग गए थे और इस दौरान मोदी पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण आश्रम सहित कई जगहों पर घूमते रहे. नरेंद्र मोदी बचपन से ही आरएसएस से जुड़े थे. राजनीति से परे नरेंद्र मोदी को लिखना पसंद है. उन्होंने कई किताबें और कविताएं लिखी है. नरेंद्र मोदी एक अच्छे कवि और लेखक है.