नई दिल्ली/आशीष भट्ट। भारत एक धार्मिक देश है, यहां के लोग भी और देशों की तुलना में भगवान पर ज्यादा आस्था रखते हैं, भारत में अनेक धर्मों के लोग मिलजुल कर अपने देवी देवताओं की पूजा पाठ करते हैं, मिलजुल कर अपने सभी त्योंहार मनाते हैं, आज हम आपको सोलह सोमवार के व्रत की मान्यताओं के बारे में बताएंगे. सोमवार के दिन को शिव जी के दिन के रूप में माना जाता हैं, इस दिन लोग शिव की विशेष पूजा अर्चना करते हैं, शिव को अलग अलग नामों से महादेव, भोलेनाथ, शंकर, आदि नाम से भी जाना जाता है. भक्त लोगों का ऐसा मानना है कि भोलेनाथ अपने भक्तों पर जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. सावन के महीने को शिव के पवित्र माह के रूप में माना जाता है सावन के महीने से सोहल सोमवार के व्रत रखें जाते हैं.
क्या है सोलह सोमवार का महत्व
सोलह सोमवार को विधि-विधान से किया जाता हैं. इसमें विशेष तरह की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है शिव जी को पाने के लिए पार्वती जी ने काफी कठोर तपस्या की शिव जी ने कई बार पार्वती जी की कठीन परिक्षा भी लेकिन उनका सब्र टूटा नहीं अंत में पार्वती जी ने शिव जी को पाने के लिए सोलह सोमवार के व्रत रखें थे. उसके बाद शिवजी ने प्रसन्न होकर पार्वती जी को वरदान दिया उसके बाद पार्वती जी और शिव जी की शादी हुई।
क्यों रखते हैं ये व्रत
इस व्रत का विशेष महत्व है सोलह सोमवार का व्रत कुंवारी लड़कियां रखती हैं, ऐसी मान्यता हैं कि यह व्रत रखने से अच्छा पति मिलता है और जल्दी शादी हो जाती है. इस व्रत को शुरू करने का अच्छा महीना सावन का होता हैं।