आरती कश्यप
भारत ने क्रिकेट जगत में अपनी प्रतिष्ठा को एक बार फिर मजबूत करते हुए तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर इतिहास रच दिया। यह जीत न सिर्फ टीम की निरंतरता और कौशल का परिचायक है, बल्कि भारतीय क्रिकेट की वैश्विक स्तर पर बढ़ती ताकत का भी प्रतिबिंब है।
फाइनल मुकाबला लंदन के ऐतिहासिक लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया, जहाँ भारत ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया को रोमांचक मुकाबले में हराकर खिताब पर कब्जा किया। मैच में भारत की तरफ से कप्तान रोहित शर्मा की नेतृत्व क्षमता और बल्लेबाजी की चमक नजर आई। रोहित शर्मा ने निर्णायक पारी खेलते हुए शतक बनाया, जिससे भारत ने निर्धारित 50 ओवरों में 310 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा किया।
भारतीय पारी के दौरान युवा खिलाड़ी शुभमन गिल ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। गिल ने दबाव की स्थिति में 78 रनों की शानदार पारी खेली, जिससे टीम को ठोस शुरुआत मिली। इसके अतिरिक्त, विराट कोहली ने भी अपने अनुभव का परिचय देते हुए 56 रन बनाए, जिसने टीम को मध्यक्रम में मजबूती प्रदान की।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम शुरुआत में ही संघर्ष करती दिखी। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की सधी हुई गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का कोई मौका नहीं दिया। सिराज ने तीन महत्वपूर्ण विकेट झटके, जबकि बुमराह ने दो विकेट लेकर विपक्षी टीम की कमर तोड़ दी।
हालांकि, स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन ने मध्यक्रम में संघर्ष किया, लेकिन रविंद्र जडेजा और कुलदीप यादव की स्पिन जोड़ी ने उन्हें जल्दी चलता कर दिया। कुलदीप ने चार विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया के मध्यक्रम को पूरी तरह से नष्ट कर दिया, जिससे भारत ने मैच को 38वें ओवर में ही समाप्त कर दिया। ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम मात्र 210 रनों पर सिमट गई।
यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि भारत ने इससे पहले 2002 में श्रीलंका के साथ साझा ट्रॉफी जीती थी और फिर 2013 में इंग्लैंड को हराकर खिताब अपने नाम किया था। तीसरी बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को जीतकर भारत अब सबसे सफल टीमों में शुमार हो गया है।
कप्तान रोहित शर्मा ने मैच के बाद कहा, “यह जीत पूरी टीम के सामूहिक प्रयास का नतीजा है। हमारे गेंदबाजों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और बल्लेबाजों ने सही मौके पर जिम्मेदारी निभाई।” भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष ने भी टीम को बधाई दी और इसे देश के लिए गौरव का क्षण बताया।
यह विजय न केवल वर्तमान खिलाड़ियों के लिए, बल्कि भारतीय क्रिकेट की अगली पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी। इस जीत ने क्रिकेट प्रेमियों में नया उत्साह भर दिया है और यह साफ संकेत दिया है कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है।