नई दिल्ली/ आशीष भट्ट। भगवान शिव का पावन माह सावन शुरू हो चुका है, और सभी भक्तजन भगवान शिव की पूजा अर्चना में लगे हैं. सावन माह में भक्त शिव मंदिरों में या अपने घरों में शिव लिंग की पूजा करते हैं. भगवान शिव को खुश करने के लिए भांग, धतुरा, बेल पत्र, दुध, देसी घी, शहद आदि से भगवान शिव की पूजा की जाती है. अगर आप भी शिवलिंग की स्थापना करने की सोच रहे हैं तो आपको ये विधि जाननी चाहिए.
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शिव पुराण के अनुसार शुभ मुर्हत में किसी पवित्र नदी आदि के तट पर अपनी रूचि के अनुसार ऐसी जगह शिव लिंग की स्थापना करनी चाहिए जहां रोज पूजा की जा सके. पूरे विधि विधान के अनुसार शिव लिंग की स्थापना करने से पूजा करने से सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं.
अगर आप शिवलिंग की स्थापना करने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि लिंग की लंबाई निर्माणकर्ता या स्थापना करने वाले व्यक्ति के 12 अंगुल के बराबर होनी चाहिए. ऐसे ही शिवलिंग को उत्तम माना जाता है, इससे कम लंबाई हो तो फल में कमी आ जाती है, अधिक हो तो कोई दोष की बात नहीं हैं.
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एक बार शिवलिंग का चयन करने के बाद किसी पंडित की की मदद से उसकी विधि विधान से स्थापना कराएं और रोज उसकी पूजा करें. शिव पुराण में कहा गया है कि यदि नियमपूर्वक शिवलिंग का दर्शनमात्र कर लिया जाए तो वह भी कल्याणप्रद होता है।