सिर्फ ढाई घंटे में कलेक्टर से राजनेता कैसे बन गए अजीत जोगी.?

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How did Ajit Jogi turn from collector to politician in just two and a half hours?
How did Ajit Jogi turn from collector to politician in just two and a half hours?

नई दिल्ली/दिक्षा शर्मा। छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का आज रायपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. इसी महीने की नौ तारीख़ को गंगा इमली नामक एक फल का बीज उनकी श्वांस नली में अटक गया था. इसके बाद कॉर्डियक अरेस्ट के कारण उन्हें रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके बेटे अमित जोगी ने ट्वीट कर अपने पिता के निधन की सूचना दी. 74 वर्ष के अजीत जोगी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. प्राध्यापक, आईपीएस, आईएएस, सांसद और फिर मुख्यमंत्री तक का सफ़र तय करने वाले अजीत जोगी पिछले 16 सालों से व्हीलचेयर पर थे. एक सड़क दुर्घटना के बाद उनके कमर के नीचे के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था.


आपको बता दे कि मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद जब छत्तीसगढ़ के नाम से एक अलग राज्य बना था तो वह छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने थे. अजीत जोगी ने अपने करियर की शुरुआत बतौर कलेक्टर से की थी. जोगी जिस दौरान इंदौर में कलेक्टरी कर रहे थे, उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संपर्क में आ गए. 1986 में वो कांग्रेस से जुड़े और राजनीति के सफ़र में प्रवेश किया.

मात्र ढाई घंटे में कलेक्टर से राजनेता बने अजीत जोगी

पब्लिक एडमनिस्ट्रेशन की जॉब छोड़ कर राजनीति के सफ़र में कदम रखने का किस्सा भी वो अपने सहयोगियों को बड़े रोचक अंदाज में बताते थे. अजीत जोगी कहते थे कि मात्र ढाई घंटे के खेल में वह कलेक्टर से नेता बन गए थे.


बतौर इंदौर के कलेक्टर अजीत जोगी ग्रामीण इलाके के दौरे पर गए थे. रात में वह घर लौटे तो पत्नी रेणु ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यकाल से फोन आया था, प्रधानमंत्री राजीव गांधी आपसे बात करना चाह रहे थे. यह बात सुन कर अजीत जोगी ने सोचा भला क्यों पीएमओ से किसी कलेक्टर को फोन आएगा? लेकिन उन्होंने अगली सुबह पीएम ऑफिस के नंबर पर फोन किया. राजीव गांधी के तत्कालीन पीए वी जॉर्ज ने फोन उठाया और कहा “कमाल करते हो यार, देश के प्रधानमंत्री तुमसे बात करना चाहते है और तुम गांव में घूम रहे हो”. उन्होंने जोगी से कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि आप तत्काल कलेक्टर पद से तुरन्त इस्तीफा दे दें. यह सुन के अजीत जोगी थोड़ा घबरा गए. पीए ने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं आप मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए नॉमिनेशन करें. उनसे कहा कि रात 12 बजे तक दिग्विजय सिंह उन्हें लेने इंदौर पहुंचेंगे. सुबह 11 बजे तक इस्तीफे की सारी औपचारिकता पूरी कर ली जाएगी. कलेक्टर पद से इस्तीफा देने और कांग्रेस की सदस्यता लेने में करीब ढाई घंटे का वक्त लगा. इसी ढाई घंटे में अजीत जोगी एक राजनेता के जैसे उभर के आए.

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