आरती कश्यप
भारत और मॉरीशस के बीच हमेशा से ही गहरे और सामरिक संबंध रहे हैं। दोनों देशों की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक जड़ों में एक लंबा इतिहास समाहित है। मॉरीशस में भारतीय समुदाय की एक बड़ी संख्या निवास करती है, जो भारत से ऐतिहासिक रूप से जुड़ी हुई है। इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध को ध्यान में रखते हुए, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस की यात्रा पर पहुंचे, तो उनका स्वागत बहुत ही भव्य और गरिमामयी तरीके से किया गया। इस लेख में, हम पीएम मोदी के मॉरीशस दौरे के दौरान हुए स्वागत की विस्तृत समीक्षा करेंगे।
1. पीएम मोदी का मॉरीशस दौरा: एक ऐतिहासिक पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मॉरीशस दौरा भारतीय राजनीति और विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण घटना था। यह दौरा सिर्फ एक द्विपक्षीय यात्रा नहीं था, बल्कि यह दोनों देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग के नए आयामों को खोलने की दिशा में एक अहम कदम था। मोदी का मॉरीशस दौरा भारतीय समुदाय के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के साथ-साथ, भारतीय और मॉरीशियाई नागरिकों के बीच रिश्तों को मजबूत करने की एक रणनीति थी।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के आमंत्रण पर हुआ था। इस दौरे में दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए और दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया।
2. प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत: मॉरीशस की जनता की गर्मजोशी
प्रधानमंत्री मोदी के मॉरीशस पहुंचने पर उनका स्वागत भारतीय समुदाय के सदस्य, मॉरीशस के नागरिक और कई राजनीतिक हस्तियों द्वारा बेहद भव्य और गर्मजोशी से किया गया। एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। भारतीय समुदाय के लोगों ने भारतीय ध्वज को लहराते हुए प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। इस स्वागत में भारतीय संस्कृति के विभिन्न रंगों का समावेश था, जिसमें भारतीय संगीत, नृत्य और पारंपरिक गीतों ने खास योगदान दिया।
प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर विशेष व्यवस्था की गई थी। जहां एक ओर भारतीय समुदाय के लोग उनकी मौजूदगी को लेकर उत्साहित थे, वहीं दूसरी ओर मॉरीशस सरकार के मंत्रीगण और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी पीएम मोदी के स्वागत में शामिल हुए। एयरपोर्ट पर होने वाले इस स्वागत समारोह को देखकर यह साफ था कि यह यात्रा सिर्फ एक सरकारी दौरा नहीं थी, बल्कि यह दोनों देशों के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक थी।
3. सांस्कृतिक समागम: भारत-मॉरीशस के रिश्तों का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी के मॉरीशस दौरे के दौरान सांस्कृतिक समागमों का आयोजन भी हुआ। पीएम मोदी का स्वागत सिर्फ राजनैतिक तौर पर नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहलुओं पर भी किया गया। मोदी के स्वागत के दौरान भारतीय संस्कृति की धारा को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया। एयरपोर्ट से लेकर समूचे शहर तक भारतीय संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया।
मॉरीशस में भारतीय संस्कृति के कई पहलू व्याप्त हैं, जिनमें हिंदी फिल्म संगीत, भारतीय नृत्य और परंपरागत वाद्ययंत्र प्रमुख हैं। इस दौरान भारतीय संगीतकारों और कलाकारों द्वारा शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियां दी गईं। इसके अलावा, मॉरीशस के प्रमुख मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर विशेष पूजाएं आयोजित की गईं। यह सुनिश्चित किया गया कि पीएम मोदी के दौरे के दौरान, भारतीय संस्कृति की व्यापकता और विविधता को दर्शाने वाली गतिविधियों का आयोजन हो।
4. द्विपक्षीय रिश्ते और मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे में भारतीय और मॉरीशियाई सरकार के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों ने दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान यह संदेश भी दिया कि भारत और मॉरीशस के संबंध सिर्फ राजनैतिक और आर्थिक रिश्तों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह सांस्कृतिक और भावनात्मक रिश्तों से भी अभिन्न हैं।
भारत ने मॉरीशस को समुद्र संबंधी सुरक्षा, अवसंरचना, और पर्यावरणीय मुद्दों पर सहयोग देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसके अलावा, भारत ने मॉरीशस को आर्थिक मदद देने के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, ताकि वहां की बुनियादी ढांचे में सुधार किया जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और मॉरीशस के रिश्ते सिर्फ सरकारों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इन रिश्तों का मजबूत आधार दोनों देशों के नागरिकों के बीच गहरी मित्रता और सांस्कृतिक संबंधों में है। उन्होंने मॉरीशस के भारतीय समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया और उनके योगदान को सराहा।
5. मॉरीशस में भारतीय समुदाय की भूमिका
मॉरीशस में भारतीय समुदाय की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण रही है। मॉरीशस में भारतीयों का ऐतिहासिक योगदान सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी बहुत अहम है। भारत से आए हुए भारतीयों ने मॉरीशस की भाषा, संस्कृति और राजनीति को प्रभावित किया है। आज मॉरीशस में भारतीय समुदाय की बड़ी संख्या है, जो देश की संस्कृति, व्यापार और राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस समुदाय के योगदान को स्वीकार करते हुए कहा कि मॉरीशस में भारतीय समुदाय ने जो भूमिका निभाई है, वह भारतीय संस्कृति और पहचान को बनाए रखने में बेहद महत्वपूर्ण रही है। पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय के सामने भारतीय सरकार के योगदान के बारे में भी बताया और भविष्य में इस समुदाय को और अधिक सहयोग देने का आश्वासन दिया।
6. धार्मिक और आध्यात्मिक जुड़ाव
मॉरीशस में भारत और भारतीय धर्मों का भी एक विशेष स्थान है। यहाँ हिंदू धर्म का प्रभाव गहरा है और प्रमुख मंदिरों में हिंदू पूजा अर्चना नियमित रूप से की जाती है। प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के दौरान, विशेष रूप से हिंदू धर्म के तत्वों को प्रमुखता दी गई। प्रधानमंत्री ने मॉरीशस में स्थित त्रिवेणी धाम और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर पूजा अर्चना की, जिससे दोनों देशों के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को और प्रगाढ़ किया गया।
मॉरीशस के लोग भारतीय धर्मों का पालन करते हैं और भारतीय त्योहारों को बड़े धूमधाम से मनाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे ने धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत किया।
7. प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का प्रभाव
प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस में अपने संबोधन में दोनों देशों के रिश्तों की अहमियत को रेखांकित किया और भविष्य के लिए कई योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा मॉरीशस के विकास में सहयोग देने के लिए तैयार रहेगा। पीएम मोदी का यह संदेश न केवल सरकारों तक, बल्कि आम नागरिकों तक भी पहुंचा, जो भारत और मॉरीशस के बीच रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ने का इरादा रखते थे।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मॉरीशस दौरा एक ऐतिहासिक पल था। यह सिर्फ एक सरकारी यात्रा नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक रिश्तों को प्रदर्शित करने वाला अवसर था। पीएम मोदी के भव्य स्वागत से यह स्पष्ट हो गया कि मॉरीशस में भारत के प्रति अत्यधिक सम्मान और प्रेम है। इस यात्रा ने दोनों देशों के रिश्तों को और प्रगाढ़ किया और भविष्य में इन रिश्तों को और भी मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम बढ़ाया।