नई दिल्ली/पूजा शर्मा। तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के कारण 960 विदेशी नागरिकों की भारत यात्रा पर 10 साल साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है. इन सभी विदेशी नागरिकों पर आरोप है कि कोरोना वायरस के शुरुआती दौर में इन्होंने गैरकानूनी तरीके से भीड़ इकट्ठा की, जिस वजह से कोरोना वायरस का संक्रमण और तेजी से फैला गया. इसके बाद मौलाना साद की भी काफी आलोचना हुई. बता दें कि शुरुआती दौर में इनके कारण तकरीबन एक तिहाई लोगों और 17 राज्यों में संक्रमण फैला और काफी लोगों की मौत हुई.
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देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के लोग बड़ी संख्या में जुटे थे. जिसके बाद निजामुद्दीन पश्चिम में तब्लीगी जमात मरकज कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन गया था. इस वजह से पूरे क्षेत्र को सील करना पड़ा था. कई सरकारी एजेंसियों ने अपनी जांच में पाया कि 9000 से ज्यादा तब्लीगी जमात के भारतीय सदस्यों ने देश के 20 राज्यों में कोरोना संक्रमण फैला दिया था उनकी वजह से अन्य लोगों में भी कोरोना वायरस बहुत ज्यादा संख्या में फैल गया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अप्रैल महीने में तब्लीगी जमात के 960 विदेशी नागरिकों को ब्लैक लिस्ट कर दिया था. साथ ही इनके वीजा को रद्द कर दिया गया था. गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस व अन्य राज्यों की पुलिस से अपने-अपने क्षेत्र में रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम व विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत कार्रवाई करने को कहा था. गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर इस कार्रवाई की जानकारी दी थी.
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पिछले गुरुवार को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने दक्षिण दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट में 12 नई चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 541 विदेशी नागरिकों को आरोपित बनाया गया. पुलिस अब तक कुल 47 चार्जशीट फाइल कर चुकी है, जिसमें 900 से अधिक जमातियों को आरोपित बनाया गया है.