इस चमत्कारी मंदिर में भगवान करते है मदिरा का सेवन, जाने इसके पीछे का रहस्य

0
211
God consumes alcohol in this miraculous temple
God consumes alcohol in this miraculous temple

नई दिल्ली/ दीक्षा शर्मा। भारत संस्कृति में अधिकतर चमत्कार भारत के मंदिरों में ही मिलते है. कोई मंदिर अपने चमत्कार के लिए प्रसिद्ध है और कोई मंदिर अपने अनसुलझे रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है तो कई मंदिर अपने अध्बुद्ध मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है. भगवान और शराब सुन कर बहुत अजीब लगता है, लेकिन यह सच है. उज्जैन  में स्थित काल भैरव मंदिर (kaal bhairav mandir) में प्रसाद के रूप में शराब चढ़ाई जाती है. मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के उज्जैन (ujjain) शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर शिप्रा नदी के तट पर काल भैरव मंदिर स्थित है. भगवान काल भैरव का मंदिर लगभग 6 हज़ार साल पुराना है. इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है की यहां पर भगवान काल भैरव साक्षात रूप में मदिरा पान करते है. मंदिर में जैसे ही शराब से भरे प्याले काल भैरव की मूर्ति के मुंह से लगाते है देखते ही देखते शराब के प्याले खाली हो जाते है.

अंग्रेजों ने की थी तहकीकात

कहा जाता है कि बहुत साल पहले एक अंग्रेज अधिकारी द्वारा इस बात की गहन तहकीकात करवाई गई कि आखिर भगवान काल भैरव को चढ़ाई गई शराब जाती कहां है. उसने प्रतिमा के आसपास काफी गहराई तक खुदाई करवाई लेकिन जब नतीजा कुछ भी नहीं निकला तो वो अंग्रेज भी काल भैरव का भक्त बन गया.

प्राचीन काल में यहां तांत्रिक आते थे

कहा जाता है कि प्राचीन समय में इस मंदिर में सिर्फ़ तांत्रिक का ही आना होता था. यहां आकर उनके द्वारा तंत्र क्रियाएं की जाती थी. बाद में यह मंदिर आम लोगों के लिए खोल दिया गया और फिर यह श्रद्धालुओं कि भीड़ जुट गई . कुछ साल पहले यहां बलि प्रथा ख़त्म की गई है. अब भगवान भैरव को केवल मदिरा का भोग लगाया जाता है. यूं तो काल भैरव को मदिरा पिलाने का सिलसिला सदियों से चला आ रहा है लेकिन यह कब, कैसे और क्यों शुरू हुआ, इसे कोई नहीं जान पाया.

6 हज़ार साल पुराने मंदिर की कहानी

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से करीब 8 कि.मी. दूर, क्षिप्रा नदी के तट पर बसा कालभैरव मंदिर 6000 साल पुराना बताया जाता है. इसे एक वाम मार्गी तांत्रिक मंदिर कहा जाता है. इस मंदिरों की ये विशेषता होती है कि यहां मंदिरों में मदिरा, मांस, बलि, मुद्रा जैसे प्रसाद चढ़ाए जाते हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here