विदेश मंत्री एस. जयशंकर लंदन पहुंचे, यूके और आयरलैंड दौरे की शुरुआत
परिचय
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर अपने आधिकारिक दौरे के तहत लंदन पहुंच गए हैं, जहां वे यूनाइटेड किंगडम (यूके) और आयरलैंड की यात्रा करेंगे। यह दौरा भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच आर्थिक तथा सांस्कृतिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस यात्रा के दौरान जयशंकर कई उच्च-स्तरीय बैठकों में भाग लेंगे, जिनमें व्यापार, रक्षा, शिक्षा, और आपसी हित के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
दौरे का महत्व
भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत संबंध रहे हैं, जो समय के साथ विविध क्षेत्रों में विकसित हुए हैं। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में, जहां भू-राजनीतिक चुनौतियाँ और व्यापारिक अवसर तेजी से बदल रहे हैं, इस तरह के उच्च-स्तरीय दौरों का महत्व और भी बढ़ जाता है।
जयशंकर की यह यात्रा कई कारणों से अहम मानी जा रही है:
- रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना: दोनों देशों के बीच रक्षा, आतंकवाद-निरोध, और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
- व्यापार और निवेश को बढ़ावा: भारत और यूके के बीच एक संभावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा को आगे बढ़ाने की उम्मीद है।
- भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग: ब्रिटेन ने भारत को अपने महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारों में शामिल किया है, खासकर इंडो-पैसिफिक नीति के तहत।
- शिक्षा और विज्ञान सहयोग: उच्च शिक्षा, अनुसंधान और तकनीकी सहयोग को बढ़ाने के लिए विभिन्न समझौतों पर बातचीत हो सकती है।
- प्रवासी भारतीयों से संवाद: यूके में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय निवास करता है, जो दोनों देशों के संबंधों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ब्रिटेन के साथ भारत के संबंध
भारत और ब्रिटेन के बीच राजनीतिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक संबंध ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण रहे हैं। दोनों देश कॉमनवेल्थ के सदस्य हैं और कई वैश्विक मंचों पर एक साथ कार्य करते हैं।
1. आर्थिक संबंध
भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को निरंतर बढ़ावा दिया जा रहा है। ब्रिटेन भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के प्रमुख स्रोतों में से एक है। हाल के वर्षों में, ब्रिटिश कंपनियों ने भारत के स्टार्टअप और तकनीकी क्षेत्र में भारी निवेश किया है।
भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत जारी है, और उम्मीद की जा रही है कि इस दौरे में इस पर भी महत्वपूर्ण प्रगति होगी।
2. रक्षा और सुरक्षा सहयोग
भारत और ब्रिटेन के बीच रक्षा साझेदारी में भी महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। दोनों देश सैन्य प्रशिक्षण, रक्षा उपकरणों की आपूर्ति, और आतंकवाद-रोधी अभियानों में सहयोग कर रहे हैं। ब्रिटिश नौसेना की हिंद महासागर में उपस्थिति और भारत के साथ नौसैनिक अभ्यास इस सहयोग को और मजबूत करते हैं।
3. शिक्षा और अनुसंधान
ब्रिटेन और भारत के बीच शिक्षा के क्षेत्र में गहरे संबंध हैं। यूके भारतीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का एक प्रमुख गंतव्य है। कई भारतीय विद्यार्थी ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज, और अन्य प्रतिष्ठित ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे हैं।
आयरलैंड दौरा: भारत-आयरलैंड संबंधों पर ध्यान
जयशंकर की यात्रा के दूसरे चरण में वे आयरलैंड जाएंगे, जो भारत के लिए यूरोप में एक महत्वपूर्ण साझेदार है।
1. कूटनीतिक संबंध
भारत और आयरलैंड के बीच ऐतिहासिक रूप से अच्छे संबंध रहे हैं। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग करते हैं।
2. व्यापार और निवेश
आयरलैंड भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक भागीदार बन रहा है। भारत की आईटी और फार्मास्युटिकल कंपनियां आयरलैंड में तेजी से अपनी मौजूदगी बढ़ा रही हैं। इस दौरे में व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत करने पर ध्यान दिया जाएगा।
3. शिक्षा और अनुसंधान सहयोग
आयरलैंड के कई विश्वविद्यालय भारतीय छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं। भारत और आयरलैंड के बीच अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद
जयशंकर की इस यात्रा का एक प्रमुख पहलू प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ उनकी बातचीत होगी। ब्रिटेन और आयरलैंड में भारतीय प्रवासियों की एक बड़ी संख्या निवास करती है, जो दोनों देशों के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
जयशंकर प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद कर उनकी समस्याओं, सुझावों और योगदानों पर चर्चा करेंगे। प्रवासी भारतीयों के साथ सरकार के संबंधों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए कई नई योजनाओं की भी घोषणा की जा सकती है।
उम्मीदें और संभावनाएँ
इस दौरे से भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर बातचीत को गति मिलने की संभावना है। साथ ही, दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, तकनीकी साझेदारी, और शिक्षा के क्षेत्र में नए समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।
आयरलैंड के साथ भारत के संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने के लिए व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा।
निष्कर्ष
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की यह यात्रा भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह भारत और ब्रिटेन के द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगी। साथ ही, यह आयरलैंड के साथ भी संबंधों को और मजबूत करने में मदद करेगी। इस यात्रा के माध्यम से भारत वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को और सशक्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।