भगवान गणेश को भूलकर भी न चढ़ाए ये चीज, वरना हो सकता है बहुत बड़ा नुकसान

0
123
Lord Ganesha
Lord Ganesha

नई दिल्ली/ दीक्षा शर्मा। हिन्दू धर्म में देवी देवताओं को लेकर कई प्रकार की मान्यताएं प्रचलित हैं. उसी तरह हिन्दुओं में देवउठनी एकादशी का बहुत महत्व है. कहा जाता है कि देवउठनी एकादशी के बाद सभी धार्मिक शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है. इसी के साथ एकादशी के दिन शालीग्राम और तुलसी का विवाह किया जाता है. इसलिए भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है. शालिग्राम का यह रूप भगवान विष्णु का ही होता है. भगवान विष्णु से विवाह और लगभग हर शुभ काम में इस्तेमाल होने वाली तुलसी को लेकर एक कथा बेहद प्रचलित है. मान्यता है कि तुलसी का प्रयोग गणेश भगवान की पूजा पाठ में इस्तेमाल नहीं किया जाता.

Sawan Special 2020 : दुनिया में पहला शिवलिंग यहां स्थापित हुआ था, पढ़ें

इसलिए माना जाता है अशुभ

पौराणिक कथा की अनुसार कहा जाता है कि एक बार गणेश भगवान गंगा किनारे बैठकर तप कर रहे थे और तुलसी अपने वर कि तलाश में घूम रही थी. उसी वक्त माता तुलसी को गंगा किनारे भगवान गणेश दिखाई दिए और वह उन पर मोहित हो गई. गणेश भगवान को देखकर तुलसी ने उनसे विवाह का मन बना लिया. उसके बाद तुलसी ने उनकी तपस्या भंग कर विवाह का प्रस्ताव रखा. तपस्या भंग होने के कारण भगवान गणेश बहुत क्रोधित हुए और उनका प्रस्ताव स्वीकारने से मना कर दिया.

Vastu shastra: घर में रखें गंगा जल से दूर करें वास्तु दोष , जानें उपाय

प्रस्ताव स्वीकार ना करने से तुलसी माता भी गुस्सा हो गई और गणेश जी को श्राप दिया और कहा कि उनके दो विवाह होंगे. उसी के विपरीत इस पर गणेश जी ने भी उन्हें श्राप दिया और कहा कि उनका विवाह एक असुर शंखचूर्ण से होगा. भगवान गणेश का यह श्राप सुनकर तुलसी जी ने गणेश जी से माफी मांगी. और तभी गणेश भगवान ने कहा कि वह भगवान विष्णु और कृष्ण जी की सबसे प्रिय होने के साथ जीवन और मोक्ष देने वाली होंगी. लेकिन मेरी पूजा में तुलसी चढ़ाना अशुभ माना जाएगा.

Vastu shastra: इन 5 गलतियों की वजह से घर में हो सकती है अर्थिक तंगी, रखें ध्यान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here