आरती कश्यप
अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के प्रतिष्ठित ट्रस्टी के आकस्मिक निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके निधन से न केवल मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को एक झटका लगा है, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक क्षेत्र में भी बड़ी क्षति हुई है। ट्रस्टी का निधन दिल का दौरा पड़ने के कारण हुआ, जिससे उनके प्रशंसक और सहयोगी स्तब्ध रह गए।
राम मंदिर ट्रस्ट में रहते हुए उन्होंने मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके नेतृत्व में मंदिर निर्माण तेजी से और पारदर्शी रूप से आगे बढ़ रहा था। वे अपने सौम्य व्यवहार, निष्पक्षता, और कुशल प्रबंधन के लिए जाने जाते थे, जिसने ट्रस्ट की कार्यशैली को एक नई दिशा प्रदान की थी।
उनके कार्यकाल में राम मंदिर निर्माण से जुड़े जटिल मुद्दों को सुलझाने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई थी। उन्होंने सभी वर्गों से निरंतर संवाद बनाए रखते हुए सभी को साथ लेकर चलने की नीति अपनाई। यह उनकी दूरदर्शिता और सहयोग की भावना थी कि मंदिर निर्माण कार्य नियत समय से तेजी से आगे बढ़ रहा था।
निधन के बाद कई प्रमुख नेताओं, धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने भी अपने संदेश में कहा कि उनका निधन धार्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि उनका अधूरा सपना जल्द ही पूरा होगा और मंदिर का निर्माण निर्धारित समय में पूर्ण होगा।
श्रद्धांजलि सभा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और उनके प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। समारोह में आए श्रद्धालुओं ने ट्रस्टी के कार्यों और उनकी प्रतिबद्धता को याद करते हुए कहा कि उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।
ट्रस्टी के निधन से मंदिर निर्माण कार्य पर कोई दीर्घकालिक प्रभाव न पड़े, इसके लिए ट्रस्ट ने तत्काल बैठक बुलाकर आगे की रणनीति पर चर्चा की। ट्रस्ट के सदस्यों ने एकमत होकर निर्णय लिया कि निर्माण कार्य को निर्धारित समय सीमा में ही पूरा किया जाएगा, और स्वर्गीय ट्रस्टी के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
राम मंदिर ट्रस्टी के निधन की खबर देशभर में तेजी से फैल गई, जिससे जगह-जगह श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की गईं। उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए आम जनता और श्रद्धालुओं ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
उनके द्वारा स्थापित उच्च नैतिक मापदंड और जिम्मेदारी की भावना को ट्रस्ट और मंदिर निर्माण से जुड़े लोगों ने आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है। आगामी दिनों में नए ट्रस्टी की नियुक्ति के साथ मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को पुनः तेज गति देने की योजना बनाई जा रही है, ताकि निर्धारित समय में मंदिर का कार्य पूरा किया जा सके।
देश को उम्मीद है कि उनके योगदान और सिद्धांतों का पालन करते हुए राम मंदिर निर्माण कार्य बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक पूरा होगा।