आरती कश्यप
परिचय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा हमेशा से राजनीतिक, कूटनीतिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही है। उनकी विदेश नीति को विशेष रूप से ‘सक्रिय कूटनीति’ के रूप में देखा गया है, जहां भारत ने अपनी वैश्विक उपस्थिति को बढ़ाने, अपनी सामरिक साझेदारी को मजबूत करने और क्षेत्रीय सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मॉरीशस का दौरा किया, जो विशेष रूप से भारत-मॉरीशस रिश्तों को नए आयाम देने के लिहाज से महत्वपूर्ण था।
मॉरीशस, जो हिंद महासागर में स्थित एक छोटा द्वीप राष्ट्र है, भारतीय विदेश नीति के लिए एक महत्वपूर्ण साथी है। यह यात्रा भारतीय राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से कई मायनों में अहम थी, खासकर दोनों देशों के बीच सुरक्षा, व्यापार, संस्कृति और विकास सहयोग को लेकर। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे ने कई पहलुओं को उजागर किया, जिनमें भारतीय समुद्री सुरक्षा, दोनों देशों के बीच आर्थिक और विकासात्मक सहयोग, और द्वीपीय राज्यों के सहयोग को लेकर चर्चा की गई।
हालांकि, मोदी की मॉरीशस यात्रा पर जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में देखा, वहीं विपक्षी दलों, विशेष रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC), ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को लेकर कई सवाल उठाए और उसे लेकर आलोचनात्मक रुख अपनाया। इस लेख में हम प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया को विस्तार से देखेंगे, साथ ही कांग्रेस द्वारा उठाए गए मुद्दों और उनकी वैधता पर भी चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा का उद्देश्य
प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा 2023 में हुई थी और इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत करना था। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की और द्वीप राष्ट्र के साथ भारत के संबंधों को विस्तृत किया। यात्रा के दौरान कुछ प्रमुख पहलुओं पर चर्चा की गई, जैसे:
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आर्थिक सहयोग और निवेश: दोनों देशों ने एक-दूसरे के आर्थिक सहयोग को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। भारत ने मॉरीशस को वित्तीय और तकनीकी सहायता देने की पेशकश की। खासकर पर्यटन, शिक्षा, और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।
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समुद्री सुरक्षा: हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा पर भी चर्चा हुई। मॉरीशस को भारत द्वारा समुद्री निगरानी उपकरण और तकनीकी सहायता देने की योजना बनाई गई ताकि वह समुद्री क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण रख सके।
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संस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध: भारत और मॉरीशस के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंध हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस संबंध को और अधिक मजबूत करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया और मॉरीशस में भारतीय समुदाय के योगदान को सराहा।
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भविष्य में सहयोग के क्षेत्र: भविष्य में विज्ञान, तकनीकी नवाचार, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के सहयोग को बढ़ाने के लिए कई पहल की गईं।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और मॉरीशस के बीच रिश्तों को नया विस्तार देने के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण मानी गई, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इस यात्रा पर अपनी आपत्ति भी दर्ज की, जिस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया: आलोचनात्मक दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा के बाद, कांग्रेस ने इस यात्रा के उद्देश्यों और प्रधानमंत्री के बयानों पर सवाल उठाए। कांग्रेस पार्टी ने यात्रा के दौरान उठाए गए कुछ बिंदुओं पर गंभीर आलोचना की। कांग्रेस के अनुसार, मोदी की विदेश यात्राओं को आम जनता की समस्याओं से ध्यान भटकाने और राजनीतिक लाभ के रूप में देखा गया। कांग्रेस ने कुछ प्रमुख मुद्दों को उठाया, जिन पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को घेरा:
1. द्विपक्षीय मुद्दों पर अनदेखी
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान भारत और मॉरीशस के बीच दीर्घकालिक द्विपक्षीय मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया। विशेष रूप से उन्होंने भारत की समुद्री सुरक्षा और समुद्री सीमा से संबंधित संवेदनशील मुद्दों को नजरअंदाज किया। कांग्रेस ने यह सवाल उठाया कि क्या यह यात्रा केवल कूटनीतिक छवि को सुधारने के लिए की गई थी, जबकि असल में यह भारत की सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण सवालों का समाधान करने में विफल रही।
2. भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता पर ध्यान की कमी
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता और बेरोजगारी जैसे घरेलू मुद्दों को नकारा। कांग्रेस का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्राओं में व्यस्त रहते हैं, लेकिन उन्होंने कभी भारत में आर्थिक मुद्दों पर गंभीर ध्यान नहीं दिया। कांग्रेस के नेताओं ने यह तर्क दिया कि मोदी की विदेश यात्राएं असल में भारत की आर्थिक स्थिति की कड़वी सच्चाई से जनता का ध्यान हटाने का एक प्रयास हैं।
3. राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विचार
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान, कांग्रेस ने उनकी सुरक्षा नीति पर भी सवाल उठाए। कांग्रेस ने कहा कि मोदी की विदेश यात्रा के दौरान देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, क्योंकि विदेश यात्राएं अक्सर विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सवाल उठाने का कारण बनती हैं। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान केवल पब्लिक डिप्लोमेसी पर ध्यान दिया, जबकि सुरक्षा मामलों में जरूरी कदमों की अनदेखी की गई।
4. भारत-मॉरीशस संबंधों की वास्तविक स्थिति
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान मॉरीशस में भारतीय निवेश और आर्थिक सहयोग के बारे में बहुत अधिक आडंबर फैलाया गया, जबकि असल में भारत और मॉरीशस के बीच कई आर्थिक मुद्दे लंबित हैं। कांग्रेस का कहना था कि प्रधानमंत्री ने इन मुद्दों पर कोई ठोस समाधान नहीं दिया, बल्कि यात्रा को एक राजनीतिक शोरगुल में बदल दिया।
5. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों पर प्राथमिकता
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के सांस्कृतिक पक्ष पर भी अपनी असहमति जताई। उनका कहना था कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मुद्दों पर ध्यान देने से अधिक महत्वपूर्ण यह था कि प्रधानमंत्री भारत और मॉरीशस के बीच आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को मज़बूती से बढ़ाते। कांग्रेस ने यह सवाल उठाया कि क्या मोदी की यात्रा सिर्फ भारत की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के लिए थी, या फिर यह एक गंभीर कूटनीतिक कदम था?
कांग्रेस के आरोपों पर प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्रा और कांग्रेस की आलोचना के जवाब में भाजपा ने कई बिंदुओं पर सफाई दी। भाजपा ने कहा कि मोदी की विदेश यात्राएं देश के लिए महत्वपूर्ण हैं, और भारत की वैश्विक छवि को बेहतर बनाने के लिए ये जरूरी हैं। भाजपा के नेताओं ने यह तर्क दिया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रीय हितों को हमेशा प्राथमिकता दी है, और उनके यात्रा कार्यक्रम का उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ नहीं था, बल्कि यह भारत की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और विदेश नीति को मजबूत करने का एक माध्यम था।
भाजपा का यह भी कहना था कि कांग्रेस पार्टी की आलोचनाएं केवल राजनीतिक सस्ते लाभ के लिए हैं, क्योंकि कांग्रेस खुद एक लंबे समय से भारतीय कूटनीति को कमजोर करने में लगी रही है। भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस का रुख केवल नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत छवि को खंडित करने के लिए है, और वास्तविक मुद्दों पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया का कोई ठोस आधार नहीं है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया ने भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ लिया है। जहां भाजपा ने इसे एक सफल कूटनीतिक कदम के रूप में प्रस्तुत किया, वहीं कांग्रेस ने इसे आलोचना की और सरकार से जवाबदेही की मांग की। इस परिप्रेक्ष्य में यह यात्रा दोनों दलों के लिए एक राजनीतिक अवसर बनी है, जहां एक ओर सरकार अपनी विदेश नीति की उपलब्धियों को सामने ला रही है, वहीं विपक्ष सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा ने यह साबित किया कि विदेश नीति और कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी हैं। हालांकि, कांग्रेस की आलोचनाओं के बावजूद, यह यात्रा भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण अध्याय साबित हो सकती है, खासकर भारतीय विदेश नीति के दृष्टिकोण से।