आरती कश्यप
परिचय
भारतीय राजनीति में जब भी हम सत्ता और विपक्ष की जटिल और लगातार बदलती तस्वीरों का विश्लेषण करते हैं, तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस का नाम प्रमुखता से सामने आता है। भारतीय राजनीति में इन दोनों पार्टियों की स्थिति, विचारधाराएं, और दृष्टिकोण विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद से भारतीय राजनीति की दिशा को प्रभावित किया है। उनके नेतृत्व में, भाजपा ने न केवल केंद्रीय सरकार की बागडोर संभाली, बल्कि विभिन्न राज्यों में भी अपनी पकड़ मजबूत की।
दूसरी तरफ, कांग्रेस पार्टी, जो एक समय देश की सबसे बड़ी और प्रभावशाली पार्टी थी, ने अपनी स्थिति को फिर से स्थापित करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। कांग्रेस, विशेष रूप से राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नेतृत्व में, नरेंद्र मोदी की सरकार की नीतियों और कार्यों की आलोचना करती रही है। कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय लोकतंत्र और उसके संस्थानों को कमजोर किया है, और उनके नेतृत्व में कई विवादास्पद निर्णय लिए गए हैं। इस लेख में हम कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर उठाए गए आरोपों, उनकी आलोचनाओं, और राजनीतिक बयानों का गहन विश्लेषण करेंगे।
कांग्रेस की आलोचना: प्रमुख बिंदु
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस की आलोचना के कई प्रमुख बिंदु हैं। इन आलोचनाओं में सरकार की नीतियां, आर्थिक निर्णय, सामाजिक न्याय, लोकतंत्र की स्थिति, और विदेश नीति से संबंधित मुद्दे शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में विभिन्न मामलों में विरोध किया है, जो हम इस लेख के प्रत्येक खंड में विस्तार से देखेंगे।
1. आर्थिक नीतियों पर कांग्रेस की आलोचना
प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में सत्ता में आते ही अपनी आर्थिक नीतियों के तहत कई बड़े फैसले लिए। इनमें नोटबंदी, वस्तु और सेवा कर (GST), और Make in India जैसे अभियान शामिल थे। कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि इन नीतियों ने आम आदमी को कठिनाई में डाला और देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया।
1.1 नोटबंदी
प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की, जिसके तहत 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य कर दिया गया। मोदी सरकार का दावा था कि यह कदम काले धन, आतंकवाद, और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई है। हालांकि, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे एक विफल और अप्रत्याशित कदम बताया। कांग्रेस का कहना था कि नोटबंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को तात्कालिक रूप से नुकसान पहुंचाया और इससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
1.2 GST (वस्तु और सेवा कर)
वस्तु और सेवा कर (GST) का उद्देश्य एक देश, एक कर प्रणाली लागू करना था। हालांकि, कांग्रेस का आरोप है कि इस नीति को लागू करने के दौरान सरकार ने उचित तैयारी नहीं की और यह व्यापारियों और आम लोगों के लिए मुश्किल पैदा करने वाली योजना बन गई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि GST ने छोटे व्यापारियों को नुकसान पहुंचाया और देश के व्यापारिक ढांचे को कमजोर किया।
1.3 आर्थिक मंदी और बेरोजगारी
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, कांग्रेस ने बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक मंदी पर भी निशाना साधा। कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था विकास के मामले में ठहर गई है, और बेरोजगारी की दर तेजी से बढ़ी है। सरकार द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों के बावजूद, यह क्षेत्रीय असमानता और बेरोजगारी के संकट को दूर करने में विफल रही है, जो कांग्रेस का मानना है कि यह मोदी सरकार की बड़ी असफलता है।
2. लोकतंत्र और संस्थाओं पर हमले का आरोप
प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कांग्रेस की आलोचना का एक और प्रमुख बिंदु भारतीय लोकतंत्र और उसके संस्थाओं के प्रति उनका दृष्टिकोण है। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया और उनका इस्तेमाल अपनी राजनीतिक सत्ता को मजबूत करने के लिए किया।
2.1 संविधान और न्यायपालिका
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा ने संविधान और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खतरे में डाला। उनका कहना था कि मोदी सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं के खिलाफ किया और कई महत्वपूर्ण न्यायिक फैसलों को प्रभावित किया। इस संदर्भ में कांग्रेस ने विशेष रूप से न्यायपालिका और अन्य संवैधानिक संस्थाओं के महत्व को दोहराया और आरोप लगाया कि भाजपा और मोदी सरकार ने सत्ता के दुरुपयोग को बढ़ावा दिया।
2.2 नागरिक स्वतंत्रता और मानवाधिकार
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर नागरिक स्वतंत्रताओं पर भी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने भारतीय नागरिकों की अधिकारों और स्वतंत्रताओं का उल्लंघन किया, और इसके तहत विरोध करने वाले राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों, और सामाजिक कार्यकर्ताओं को उत्पीड़ित किया गया। इस संदर्भ में, कांग्रेस ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता, सूचना का अधिकार और मानवाधिकार की स्थिति पर चिंता जताई।
3. कांग्रेस का आरोप: मोदी सरकार की विदेश नीति में विफलता
विदेश नीति के क्षेत्र में भी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की है। कांग्रेस ने दावा किया है कि मोदी सरकार की विदेश नीति में कोई स्पष्ट दिशा नहीं है और यह देश की वैश्विक स्थिति को कमजोर कर रही है।
3.1 चीन के साथ संबंध
कांग्रेस ने विशेष रूप से मोदी सरकार की चीन नीति पर सवाल उठाया। लद्दाख में गलवान घाटी में हुए सैन्य संघर्ष के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर चीन के साथ कड़े कदम न उठाने का आरोप लगाया। कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने चीन के आक्रामकता के खिलाफ कड़ा रुख नहीं अपनाया और देश की सुरक्षा के मुद्दे को हल्के में लिया।
3.2 पाकिस्तान के साथ संबंध
भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों में भी कांग्रेस ने मोदी सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के किसी संभावित अवसर का उपयोग नहीं किया और इसके बजाय स्थिति को और जटिल किया।
3.3 अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति
कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाया है। उदाहरण के लिए, उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर सवाल उठाए, यह आरोप लगाते हुए कि वह अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का सही प्रतिनिधित्व नहीं कर पाए।
4. धर्मनिरपेक्षता और समाजिक तनाव
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने भारतीय समाज के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को खतरे में डाल दिया है। कांग्रेस का कहना था कि मोदी सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया और समाज में नफरत और भेदभाव फैलाया।
4.1 नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC)
कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का विरोध किया, जो उन्होंने मोदी सरकार की तरफ से अल्पसंख्यक विरोधी कदम माना। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि CAA और NRC का उद्देश्य केवल मुसलमानों को निशाना बनाना था और इसका उद्देश्य समाज में धार्मिक तनाव फैलाना था।
4.2 धार्मिक भेदभाव और अल्पसंख्यक अधिकार
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने अल्पसंख्यक समुदायों की स्थिति को कमजोर किया और उनकी अधिकारों का उल्लंघन किया। भाजपा द्वारा विभिन्न राज्यों में धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली नीतियों के कारण कांग्रेस ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने भारतीय समाज को विभाजित करने का काम किया है।
5. कांग्रेस के राजनीतिक रणनीतिक कदम
प्रधानमंत्री मोदी पर कांग्रेस की आलोचना केवल एक रणनीतिक पहलू नहीं है, बल्कि यह कांग्रेस पार्टी के सत्ता में वापसी के लिए उनके चुनावी रणनीति का हिस्सा भी है। कांग्रेस ने मोदी के खिलाफ अपनी आलोचना को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है और इसका उद्देश्य यह है कि वे जनता को यह समझा सकें कि मोदी सरकार ने भारतीय जनता के लिए क्या खोया और क्या पाया। कांग्रेस ने यह भी सुनिश्चित किया है कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे पूरी तरह से समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े हों, ताकि एक व्यापक आधार पर उनकी आलोचना को स्वीकार किया जा सके।
निष्कर्ष
कांग्रेस का प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण पहलू है। उनकी आलोचनाएँ न केवल मोदी सरकार की नीतियों और कार्यों के खिलाफ हैं, बल्कि वे एक गहरी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा भी हैं। कांग्रेस पार्टी के द्वारा उठाए गए मुद्दे, जैसे कि आर्थिक नीतियों की विफलता, लोकतंत्र पर हमले, विदेश नीति की असफलता, और सामाजिक ताने-बाने में दरारें, मोदी सरकार की नीतियों की एक गंभीर समीक्षा प्रस्तुत करते हैं।
हालांकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि भारतीय राजनीति में किसी भी दल की आलोचना और समर्थन हमेशा समय के साथ बदलते रहते हैं, और अंततः जनता ही यह तय करती है कि कौन से मुद्दे और नीतियाँ उनके लिए सही हैं।