नई दिल्ली/पूजा शर्मा। ज्योतिष (Astrology) के अनुसार हमें अपने शुभ कार्यों को करने के लिए एक अच्छे मुहूर्त की जरुरत होती है, जिसका सिधा असर हमारे काम पर पड़ता है. इसलिए हिंदू धर्म में किसी भी काम को करने के लिए मुहूर्त को सर्वोच्च स्थान दिया गया है. मुहूर्त हमें बताता है कि किसी काम को करने के लिए प्रकृति और प्राकृतिक ऊर्जा कब सकारात्मक हैं और कैसे उनका अधिकतम लाभ मिलेगा. बता दें कि शुभ मुहूर्त पर हुए काम काफी फलदायक होते है.
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किसी भी शुभ काम को करने से पहले प्रतिदिन पड़ने वाला राहुकाल भी एक समय काल है जिसका हमें ध्यान रखना चाहिए. राहुकाल हर रोज 90 मिनट यानी डेढ़ घंटे मौजूद रहता है. राहुकाल को ज्योतिष (Astrology) में अशुभ माना गया है. इस समय में किसी शुभ काम को करना अच्छा नहीं माना जाता. राहुकाल एक तरह से बाधक समय काल होता है. राहु काल में किए गए शुभ काम में बहुत सी बाधाएं आती हैं. इसलिए राहुकाल में किसी भी शुभ कार्य की शरुआत हीं करना चहिए.
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राहुकाल के समय नहीं करने चाहिए ये काम
राहुकाल में किसी भी शुभ, मंगल कार्य या किसी नए कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. खासकर विवाह संस्कार, वाग्दान संस्कार, नींव पूजन, गृह प्रवेश, व्यापार का शुभारंभ, ऑफिस का आरंभ, वाहन खरीदना, जॉब ज्वाइन करना, बड़ी बिजनेस डील या फिर यात्रा पर जाना, ये सभी काम राहुकाल में करना शुभ नहीं माना गया है. किसी भी नए काम को शुरू करने में राहु काल का विचार होता है.
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ज्योतिष (Astrology) के अनुसार यदि कोई काम राहुकाल से कुछ समय पहले शुरू हो जाए और बाद में राहुकाल शुरू हो जाए तो इसमें कोई दोष नहीं लगता. किसी भी काम के बीच राहुकाल पड़ना भी दोष नहीं है. केवल किसी काम की शुरुआत राहुकाल में नहीं करनी है.