Friday, March 14, 2025
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82 साल की बुजुर्ग को व्हीलचेयर न मिलने से गिरीं

AARTI KASHYAP

परिचय

हमारे समाज में बुजुर्गों की देखभाल और सम्मान को महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन कई बार ऐसी घटनाएँ सामने आती हैं जो इस सोच पर सवाल उठाती हैं। हाल ही में एक 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला के गिरने की घटना सामने आई, जब उन्हें अस्पताल या सार्वजनिक स्थान पर समय पर व्हीलचेयर नहीं मिल सकी। यह घटना न केवल मानवीय संवेदनाओं को झकझोरती है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे की खामियों को भी उजागर करती है।

घटना का विवरण

यह घटना एक बड़े सरकारी अस्पताल में हुई, जहाँ यह बुजुर्ग महिला अपने इलाज के लिए आई थीं। चूँकि उनकी चलने की स्थिति ठीक नहीं थी, उनके परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से व्हीलचेयर की माँग की। लेकिन उन्हें बताया गया कि सभी व्हीलचेयर पहले से ही उपयोग में हैं और कोई भी तत्काल उपलब्ध नहीं है।

कुछ समय तक इंतजार करने के बाद, महिला को अपने दम पर चलने का प्रयास करना पड़ा, और इसी दौरान वे संतुलन खो बैठीं और गिर गईं।

प्रत्यक्षदर्शियों की प्रतिक्रिया

इस घटना को देखने वाले कई लोगों ने इसे अस्पताल की लापरवाही बताया।

  • एक मरीज के परिजन ने कहा, “यह बहुत ही शर्मनाक है कि एक बुजुर्ग महिला को समय पर व्हीलचेयर नहीं मिल सकी। अगर यह सुविधा होती, तो शायद यह घटना टल सकती थी।”
  • अस्पताल में मौजूद एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “यह कोई पहली बार नहीं है। अक्सर यहाँ व्हीलचेयर की कमी होती है और मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।”

अस्पताल प्रशासन का बयान

जब इस घटना पर अस्पताल प्रशासन से सवाल किया गया, तो उन्होंने सफाई दी कि अस्पताल में व्हीलचेयर की पर्याप्त संख्या है, लेकिन उस समय सभी उपयोग में थीं। उन्होंने यह भी कहा कि स्टाफ ने जल्द से जल्द मदद करने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से यह घटना हो गई।

अस्पताल प्रशासन ने आगे कहा कि वे इस मामले की जाँच करेंगे और भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों, इसके लिए अतिरिक्त व्हीलचेयर की व्यवस्था करने पर विचार किया जाएगा।

स्वास्थ्य सेवाओं में बुनियादी ढांचे की कमी

यह घटना केवल एक अस्पताल की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य तंत्र की कमियों को दर्शाती है। सरकारी और निजी अस्पतालों में अक्सर मरीजों को बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ता है।

  • व्हीलचेयर और स्ट्रेचर की कमी: कई अस्पतालों में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर पर्याप्त संख्या में नहीं होते हैं।
  • स्टाफ की कमी: कई बार मरीजों को मदद करने के लिए पर्याप्त स्वास्थ्यकर्मी नहीं होते।
  • प्रबंधन की लापरवाही: संसाधनों की सही तरीके से व्यवस्था न होना भी एक बड़ी समस्या है।

समाज और सरकार की जिम्मेदारी

सरकार को चाहिए कि वह अस्पतालों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करे, ताकि मरीजों को समय पर जरूरी सुविधाएँ मिल सकें। वहीं, समाज के लोगों को भी जागरूक रहना चाहिए और जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए।

निष्कर्ष

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारा स्वास्थ्य तंत्र बुजुर्गों और जरूरतमंदों की देखभाल के लिए पर्याप्त है? इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी है कि अस्पताल प्रशासन और सरकार मिलकर ठोस कदम उठाएँ। मरीजों के लिए बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराना हर अस्पताल की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।

 

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