256 श्रमिक स्पेशल ट्रेन रद्द, महाराष्ट्र-गुजरात- उत्तर प्रदेश सबसे आगे

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नई दिल्ली/पूजा शर्मा। रेलवे सेवा के प्रतिबंध के कारण श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करने वाले प्रवासी मजदूरों और कामगारों को बड़ा झटका लग सकता है. क्योंकि राज्यों ने अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को बंद करने का फैसला लिया है, राज्यों द्वारा 256 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को रद्द करने पर रेल मंत्री पीयूष गोयल बहुत मुखर दिख रहे हैं. श्रमिक स्पेशल ट्रेन बन्द करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक एवं उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहे. बता दें कि समूचे देश में लागू लॉकडाउन के कारण देश के अलग अलग हिस्सो में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचलन किया जिसके तहत 3 जून, 2020 की सुबह 10 बजे तक देश भर में 4197 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों को चलाया गया है और 58 लाख से अधिक यात्रियों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाया गया है. सिर्फ मई में ही 50 लाख से ज्यादा लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचाया गया.

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राज्यों ने की 256 श्रमिक स्पेशल ट्रेन रद्द

दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों ने श्रमिक ट्रेनों को रद्द कर दिया है. रेलवे की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक रविवार तक 4040 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं. वहीं राज्यों ने 256 ट्रेनों को रद्द कर दिया. आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र ने 1 मई से अब तक 105 ट्रेनें रद्द कीं. रेल मंत्री पीयूष गोयल महाराष्ट्र द्वारा ट्रेनें मांगने और उनका इस्तेमाल नहीं करने को लेकर बहुत मुखर दिख रहे हैं. बता दें कि गुजरात ने 47 ट्रेन, कर्नाटक ने 38 ट्रेन तथा उत्तर प्रदेश ने 30 ट्रेन रद्द कीं हैं.

क्यों रद्द हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें?

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, ‘हम बिना उपयुक्त प्रोटोकॉल के ट्रेनें नहीं चला सकते. कई ऐसे मामले सामने आये जहां भेजने वाले राज्यों ने हमें ट्रेनों में सवार होने को तैयार यात्रियों की लिस्ट उपलब्ध नहीं कराई, इसलिए उन्हें रद्द करना पड़ा. दोनों तरह के राज्यों के बीच समन्वय के अभाव के कारण ट्रेनें रद्द हुईं.’

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गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने इसी बीच श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए प्रोटोकॉल बदल दिया है. साथ ही इन सेवाओं के लिए, गंतव्य वाले राज्यों की सहमति खत्म कर दी. ऐसे में, आने वाली ट्रेनें अस्वीकार करने की संभावना खत्म हो गई. महाराष्ट्र के बाद गुजरात ने सबसे अधिक ट्रेनें रद्द कीं लेकिन उसने सर्वाधिक 1026 प्रवासी विशेष ट्रेनें भी चलाईं और 15.18 लाख श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया. इन श्रमिकों में 77 फीसदी उत्तर प्रदेश और बिहार गए. महाराष्ट्र ने 802 ट्रेनें चलवाई और वह गुजरात के बाद दूसरे नंबर पर रहा.

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