नई दिल्ली/आर्ची तिवारी। देश का संविधान नागरिकों की रक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए होता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। पर ऐसे कई कानून और अधिकार है जो देश के कई लोग नहीं जानते। आज हम इन्हीं कानूनों और अधिकारों के बारे में आपको बताएंगे।
1.आपराधिक प्रक्रिया संहिता, सेक्शन 46, के तहत किसी भी महिला को शाम 6 बजे से बाद और सुबह 6 बजे से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
2.भारतीय दंड संहिता, 166 A, के अनुसार कोई भी पुलिस अफसर FIR लिखने से मना नहीं कर सकता। अगर कोई ऐसा करता है तो उसे 6 महीने से लेकर 1 साल तक की सजा का प्रावधान है।
3.घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005, के हिसाब से अगर वयस्क लड़का या लड़की ‘ लव इन रिलेशनशिप ‘ में रहना चाहते हैं तो यह गैर कानूनी नहीं है तथा उनकी संतान भी गैर कानूनी नहीं होगी। और पिता की संपत्ति पर बच्चे का पूरा अधिकार है।
4.मोटर वाहन एक्ट, 1988, सेक्शन -185,202, के तहत अगर आपके 100ml ब्लड में शराब का स्तर 30 ml से ज्यादा मिलता है तो पुलिस आपको बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती हैं।भारतीय दंड संहिता व्यभिचार, धारा 498, के हिसाब से कोई भी वैवाहिक पुरुष किसी अविवाहित लड़की से या फिर किसी विधवा से शारीरिक संबंध बनाता है, तो यह कार्य अपराध की श्रेणी में आता है।
5.भारतीय दंड संहिता व्यभिचार, धारा 498, के अनुसार भारत का चाहे कोई भी होटल हो, 5 स्टार होटल ही क्यों न हो वे किसी को भी फ्री में पानी पीने और वाॅश रूम इस्तमाल करने से नहीं रोक सकता।
7.आयकर अधिनियम, 1961 के तहत टेक्स उल्लंघन के मामलों में, कर वसूली अधिकारी को आपको गिरफ्तार करने का अधिकार है पर इससे पहले उनको आपको नोटिस भेजना पड़ेगा। केवल टैक्स अधिकारी के पास अधिकार होता है कि वो आपको कितनी देर में हिरासत में लेता है।
8.आयकर अधिनियम, 1961, के अनुसार तलाक इन आधारों पर लिया जा सकता है:- हिंदू मैरिज एक्ट के तहत कोई भी (पति या पत्नी) कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दे सकता है। व्यभिचार (शादी के बाहर शारीरिक रिश्ता बनाना), शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना, नपुंसकता, बिना बताए छोड़कर जाना, हिंदू धर्म छोड़कर कोई और धर्म अपनाना, पागलपन, लाइलाज बीमारी, वैराग्य लेने और सात साल तक कोई अता-पता न होने के आधार पर तलाक की अर्जी दाखिल की जा सकती है।
9.पुलिस एक्ट,1861 के तहत एक पुलिस अधिकारी हमेशा ही ड्यूटी पर होता है चाहे उसने यूनिफार्म पहनी हो या न। यदि कोई व्यक्ति अधिकारी से कोई शिकायत करता है तो वह यह नही कह सकता कि वह पीड़ित की मदद न करें क्योंकि वह ड्यूटी पर नही है | ऐसा करना अपराध है।
10.मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के हिसाब से कोई भी कंपनी गर्भवती महिला को नौकरी से नहीं निकाल सकती, ऐसा करने पर उस कंपनी को अधिकतम 3 साल तक की सजा हो सकती है|
11.भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता,1973 के अनुसार केवल महिला पुलिसकर्मी ही महिलाओं को गिरफ्तार कर थाने ला सकती है| पुरुष पुलिसकर्मियों को महिलाओं को गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है| किसी गंभीर अपराध के मामले में मजिस्ट्रेट से लिखित आदेश प्राप्त होने पर ही एक पुरुष पुलिसकर्मी किसी महिला को गिरफ्तार कर सकता है।
12.विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (FCRA) 2010 के तहत यदि आप किसी कंपनी से किसी त्यौहार के मौके पर कोई गिफ्ट लेते हैं तो यह रिश्वत की श्रेणी में आता है .इस जुर्म के लिए आपको सजा भी हो सकती है .
13.मोटर वाहन अधिनियम, धारा 129 के अनुसार वाहन चालकों को हेलमेट लगाने का प्रावधान है। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 128 में बाइक पर दो व्यक्तियों का बैठने का प्रावधान है। लेकिन ट्रैफिक पुलिस के द्वारा गाड़ी या मोटरसाइकिल से चाबी निकालना बिलकुल ही गैर कानूनी है इसके लिए आप चाहें तो उस कांस्टेबल/अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी कर सकते हैं .
14.मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2016 के हिसाब से यदि आपका किसी दिन चालान बिना हेलमेट के या किसी अन्य कारण से काट दिया जाता है तो फिर दुबारा उसी अपराध के लिए आपका चालान नहीं काटा जा सकता है |
15.भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार यदि आप सार्वजनिक जगहों पर “अश्लील गतिविधि” में संलिप्त पाये जाते हैं तो आपको 3 महीने तक की कैद भी हो सकती है. परन्तु “अश्लील गतिविधि” की कोई स्पष्ट परिभाषा नही होने के कारण पुलिस इस कानून का दुरूपयोग करती है।
16.हिंदू गोद लेना और रखरखाव अधिनियम,1956 के तहत यदि आप हिन्दू हैं और आपके पास आपका पुत्र है, पोता है या परपोता है तो आप किसी दूसरे लड़के को गोद नही ले सकते हैं. साथ ही गोद लेने वाले व्यक्ति और गोद लिए जाने वाले बच्चे के बीच कम से कम 21 वर्ष का अंतर होना जरूरी है .
17.अधिकतम खुदरा मूल्य अधिनियम, 2014 के हिसाब से कोई भी दुकानदार किसी उत्पाद के लिए उस पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक रुपये नही मांग सकता है परन्तु उपभोक्ता, अधिकतम खुदरा मूल्य से कम पर उत्पाद खरीदने के लिए दुकानदार से भाव तौल कर सकता है .
18.दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम 1958, धारा 14 के तहत यदि आप दिल्ली में रह रहे हैं तो आपका मकान मालिक आपको बिना नोटिस दिए जबरन मकान खाली नही करा सकता है.
19.परिसीमा अधिनियम, 1963 के अनुसार यदि आपका ऑफिस आपको सैलरी नही देता है तो आप उसके खिलाफ 3 साल के अन्दर कभी भी रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं. लेकिन यदि आप 3 साल के बाद रिपोर्ट करते हैं तो आपको कुछ भी हासिल नहीं होगा.
20. क्या आपको पता है यदि आपका गैस सिलेंडर खाना बनाते समय फट जाये तो आप जान और माल की भरपाई के लिये गैस कम्पनी से 40 लाख रुपये तक की सहायता के हक़दार हैं.